प्रतीकात्मक तस्वीर: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट 
वायु

प्रदूषण में कैथल रहा अव्वल, वहीं दिल्ली-पानीपत सहित कई शहरों में सांस लेना हुआ दुश्वार

देश में बढ़ते प्रदूषण से कैथल की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 320 तक पहुंच गया है

Lalit Maurya

देश में बढ़ते प्रदूषण का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा, आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं। गौरतलब है कि जहां देश में जहां 18 शहरों में हालात 'खराब' थे, वहीं करीब 28 फीसदी की वृद्धि के साथ इन शहरों की गिनती बढ़कर 23 पर पहुंच गई है। मतलब की देश के करीब आधे शहरों में प्रदूषण से स्थिति चिंताजनक है।

इन शहरों में कैथल की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 320 तक पहुंच गया है।

ऐसी ही कुछ स्थिति दिल्ली की भी है, जहां सात अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 292 तक पहुंच गया है। मतलब की यहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। हालांकि दिल्ली जैसे शहरों में सर्दियों की शुरूआत के साथ प्रदूषण के बढ़ने का सिलसिला बेहद आम है। लेकिन सालों से चल रही इस समस्या से अब तक निपटा नहीं जा सका है। दिल्ली की तरह ही देश के 22 अन्य शहरों में भी प्रदूषण से हालात दमघोंटू बने हुए हैं।

इन शहरों में पानीपत, हाजीपुर, बर्नीहाट, बहादुरगढ़, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, सोनीपत, फरीदाबाद, नोएडा, सिंगरौली, भिवाड़ी, मेरठ, पटना, बद्दी, यमुनानगर, हापुड, पीथमपुर, बागपत, मंडीदीप, गुरूग्राम, मुजफ्फरनगर, जींद शामिल हैं। 

वहीं दूसरी तरफ देश में तिरुचिरापल्ली में हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर कैथल की तुलना तिरुचिरापल्ली से करें तो स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि देश में तिरुचिरापल्ली सहित 54 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।

सरकार द्वारा जारी ताजा रुझानों के मुताबिक, देश में वाराणसी सहित 76 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में मोतिहारी, मुंबई, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नारनौल, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी ढाई फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में दो फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों का आंकड़ा बढ़कर 97 पर पहुंच गया। 

गौरतलब है कि देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अम्बाला, अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, धुले, दुर्गापुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, पटियाला, रायचुर, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सीकर, सिवान, श्रीगंगानगर, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, वृंदावन शामिल थे।

देखा जाए तो कहीं न कहीं देश में हर गुजरते दिन के साथ प्रदूषण का जहर बढ़ता जा रहा है। कुल मिलाकर देखें तो देश में कल से प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, जिसके बाद साफ हवा वाले शहरों का आंकड़ा गिरकर करीब 22 फीसदी रहा।

वहीं संतोषजनक हवा वाले शहरों की हिस्सेदारी भी 30 फीसदी से कुछ ज्यादा है। दूसरी तरफ देश के करीब 48 फीसदी शहरों में बढ़ते प्रदूषण से हालात चिंताजनक हो चुके हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 253 में से 55 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 77 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 79 दर्ज किया गया था। 97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में कैथल (320) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल मुजफ्फरनगर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी। यदि दिल्ली (292) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 7 अंकों अंकों का उछाल आया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 242, गाजियाबाद में 258, गुरुग्राम में 204, नोएडा में 242, ग्रेटर नोएडा में 264 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 87 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 112, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 141, हैदराबाद में 62, जयपुर में 140 और पटना में 222 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 55 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बारीपदा, बेलगाम, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, कलबुर्गी, करूर, क्योंझर, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नांदेड़, नयागढ़, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, सांगली, शिवमोगा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल रहे।

वहीं आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बारबिल, बैरकपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, दौसा, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, झालावाड़, झांसी, कल्याण, करौली, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लुधियाना, महाड, मोतिहारी, मुंबई, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नारनौल, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सासाराम, सतना, सवाई धोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, वापी, वाराणसी, विरार आदि 77 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।