प्रतीकात्मक तस्वीर: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट 
वायु

बारिश ने बढ़ाया साफ हवा वाले शहरों का आंकड़ा, जानें आपके शहर में क्या है एक्यूआई

Lalit Maurya

देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक देश के करीब 36 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। मतलब कि देश के 88 शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित है।

इन शहरों में शिलांग की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई का स्तर आठ दर्ज किया गया है।

देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में देहरादून, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गडग, गांधीनगर, हल्दिया, हापुड, हसन, हावेरी, हावड़ा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागौर, नाहरलगुन, नारनौल, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल आदि शहर शामिल थे।

हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ देश में जलना की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 218 रिकॉर्ड किया गया है।

मतलब की यदि जलना की तुलना शिलांग से करें तो वहां वायु गुणवत्ता की स्थिति 26 गुणा ज्यादा खराब है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हाजीपुर, श्रीगंगानगर, सिवान, इंदौर, जैसलमेर, चुरू, दौसा, गुम्मिडिपूंडी, देवास, हनुमानगढ़ शामिल थे।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में दस अंकों का इजाफा हुआ है , जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता का स्तर बढ़कर 62 पर पहुंच गया है। पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कुछ-कुछ दिल्ली जैसी ही है, जहां एक्यूआई बढ़कर 52 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली-फरीदाबाद दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। हालांकि कल फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई थी।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 138 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हिसार, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, कटनी, खन्ना, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी और मुंबई शामिल थे।

कल की तुलना में देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 23 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 16 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देवास, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, पीथमपुर, रायचुर, सिवान, श्रीगंगानगर, टोंक शामिल थे। वहीं कल से तुलना करें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 27 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से 88 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 140 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया था। 16 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में जलना (218) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (62) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से दस अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 52, गाजियाबाद में 64, गुरुग्राम में 60, नोएडा में 63, ग्रेटर नोएडा में 66 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 51 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 55, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 52, हैदराबाद में 67, जयपुर में 107 और पटना में 84 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 88 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अम्बाला, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बल्लभगढ़, बरेली, बारीपदा, बेलगाम, भरतपुर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, चामराजनगर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गडग, गांधीनगर, हल्दिया, हापुड, हसन, हावेरी, हावड़ा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागौर, नाहरलगुन, नारनौल, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, रूपनगर, सहरसा, सलेम, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तुमिडीह, उडुपी, वापी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दिल्ली, धारूहेड़ा, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हिसार, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, कटनी, खन्ना, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचकुला, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत, तालचेर, टेन्सा, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर, आदि 140 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।