फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

प्रदूषण के मामले में एक बार फिर बर्नीहाट रहा अव्वल, साफ हवा वाले शहरों में भी आई पांच फीसदी की गिरावट

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो देश में कोई भी शहर ऐसा नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिहाज से पूरी तरह सुरक्षित हो

Lalit Maurya

देश में प्रदूषण के मामले में एक बार फिर बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है। हालांकि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 से नीचे बना हुआ है। मतलब की देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'खराब' स्तर पर नहीं है।

दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि बर्नीहाट की वायु गुणवत्ता की तुलना मदिकेरी से करें तो प्रदूषण का स्तर सात गुणा है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो देश में कोई भी शहर ऐसा नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिहाज से पूरी तरह सुरक्षित हो।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनमें बक्सर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, भागलपुर, फतेहाबाद, दुर्गापुर, गुवाहाटी, समस्तीपुर और औरंगाबाद (बिहार) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ देश के 128 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इन शहरों में छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, हल्दिया, हापुड़, हसन, हिसार, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद शामिल हैं।

हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में पांच फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 15 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। इसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 93 पर पहुंच गई है।

बता दें कि देश में ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, जालंधर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलार, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नारनौल, नयागढ़, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, पीथमपुर, पुदुचेरी, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तालचेर, टेन्सा, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी आदि शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से मुकाबले प्रदूषण के स्तर में मामूली इजाफा हुआ है। दो अंकों के इजाफे के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 60 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी दस अंकों का उछाल दर्ज किया गया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 से बढ़कर 66 पर पहुंच गया। हालांकि इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है।

देश के दस शहर ऐसे हैं जहां वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), भागलपुर, बक्सर, बर्नीहाट, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गुवाहाटी, समस्तीपुर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 43 फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से 128 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 81 दर्ज किया गया था। 10 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (149) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 150 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (60) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से दो अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 66, गाजियाबाद में 59, गुरुग्राम में 81, नोएडा में 48, ग्रेटर नोएडा में 62 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 35 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 63, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 47, हैदराबाद में 55, जयपुर में 44 और पटना में 65 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 128 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अजमेर, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दरी, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, हल्दिया, हापुड़, हसन, हिसार, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सतना, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोनीपत, सुआकाती, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, विजयपुरा, विजयवाड़ा, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, दौसा, दिल्ली, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, गडग, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, जालंधर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलार, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नारनौल, नयागढ़, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, पीथमपुर, पुदुचेरी, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तालचेर, टेन्सा, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।