फोटो: सम्राट मुखर्जी/ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट 
वायु

खराब हवा के मामले में नंदेसरी रहा अव्वल, दिल्ली-फरीदाबाद में भी बढ़ा प्रदूषण

Lalit Maurya

देश में खराब हवा वाले शहरों के मामले में नंदेसरी की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 216 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में जलना, सिरसा, ग्रेटर नोएडा, कटिहार, बिलीपाड़ा, बारबिल, नगांव, नोएडा, नांदेड़, ऊटी, मेरठ आदि में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। दूसरी तरफ कारवार की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई का स्तर 25 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना कारवार से करें तो स्थिति आठ गुणा ज्यादा खराब है।

वहीं देश में सबसे साफ हवा वाले दस शहरों में गंगटोक, तिरुनेलवेली, पालकलाईपेरुर, शिलांग, गडग, चेंगलपट्टू, मदिकेरी, कलबुर्गी, और चिक्कामगलुरु शामिल थे।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 52 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में गंगटोक, हावेरी, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करौली, कारवार, कोलार, कोप्पल, कुरूक्षेत्र, मदिकेरी, महाड आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब 12 फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, 20 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 116 पर पहुंच गया है। कल से देखें तो देश में दिल्ली की वायु गुणवत्ता संतोषजनक से बिगड़कर मध्यम स्तर पर पहुंच गई है।

पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है, जहां एक्यूआई दस अंक बढ़कर 87 पर पहुंच गया है। हालांकि फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है।

इसी तरह देश के 156 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता आदि शहर शामिल थे। वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों में सात फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि दिल्ली की तरह ही देश के 44 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है।

इन शहरों में आरा, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, भिवंडी, बिलीपाड़ा, दिल्ली, देवास, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जलगांव, जलना, जालौर, कटिहार, कोल्लम, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, नगांव, नांदेड़, नोएडा, ऊटी, पीथमपुर, पूर्णिया, रायचुर, सिरसा, सिवान, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, तिरुपति, तुमकुरु, उज्जैन, विशाखापत्तनम, वृंदावन, आदि शहर शामिल थे।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब दस फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां 20 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। वहीं 61 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि 18 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 254 में से 52 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 156 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 146 दर्ज किया गया था। 45 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (216) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (116) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 20 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 87, गाजियाबाद में 116, गुरुग्राम में 108, नोएडा में 142, ग्रेटर नोएडा में 158 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 63, चंडीगढ़ में 98, हैदराबाद में 64, जयपुर में 81 और पटना में 84 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 52 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अलवर, बरेली, बठिंडा, बेगूसराय, बेलगाम, भरतपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, फतेहाबाद, गडग, गंगटोक, हावेरी, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करौली, कारवार, कोलार, कोप्पल, कुरूक्षेत्र, मदिकेरी, महाड, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नारनौल, पालकलाईपेरुर, पलवल, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बल्लभगढ़, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दमोह, दौसा, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सूरत, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, यमुनानगर आदि 156 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।