फोटो: विकास चौधरी 
वायु

एयर क्वालिटी ट्रैकर: बढ़ते प्रदूषण से इंफाल में फूली सांसे, दिल्ली-फरीदाबाद में आया भारी सुधार

Lalit Maurya

प्रदूषण के मामले में इंफाल की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 204 पर पहुंच गया है। इंफाल में प्रदूषण के स्तर का इतना ज्यादा दर्ज किया जाना बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि यह वो शहर है जो हरियाली और साफ हवा के लिए जाना जाता है।

इम्फाल की तरह ही देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में नंदेसरी, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बद्दी, चित्तौड़गढ़, लुधियाना, बल्लभगढ़, जींद, और पाली शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश के 133 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है। गौरतलब है की साफ हवा वाले शहरों में गंगटोक पहले स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 14 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि इंफाल की तुलना गंगटोक से करें तो स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में साफ हवा वाले शहरों में मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, रामनाथपुरम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सलेम, सांगली, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर आदि शामिल थे।

कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 39 फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से वायु गुणवत्ता में अच्छा-खासा सुधार देखने को मिला है, जहां 138 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 97 पर पहुंच गया है। इसी तरह पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी एक्यूआई 56 अंक गिरकर 75 पर पहुंच गया। मतलब की इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर एक बार फिर संतोषजनक हो गया है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 89 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही आदि शामिल थे। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया है।

इसी तरह देश के 16 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है। इन शहरों में अमृतसर, बद्दी, बल्लभगढ़, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, चुरू, हनुमानगढ़, हिसार, जैसलमेर, जालौर, जींद, लुधियाना, नंदेसरी, पाली, पंचकुला, श्रीगंगानगर आदि शामिल हैं।

हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 67 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह खराब हवा वाले शहरों का आंकड़ा भी 90 फीसदी की गिरावट के साथ एक पर पहुंच गया है।

कुल मिलकर देखें तो कल से देश की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। इसके बाद बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा बढ़कर करीब 56 फीसदी पर पहुंच गया है। वहीं देश में 37 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक बनी हुई है, जबकि सात फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति चिंताजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 239 में से 133 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 89 दर्ज किया गया था। 16 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में इंफाल (204) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (97) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 138 अंकों का सुधार आया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 75, गाजियाबाद में 82, गुरुग्राम में 91, नोएडा में 84, ग्रेटर नोएडा में 89 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 38 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 58, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 56, हैदराबाद में 56, जयपुर में 81 और पटना में 52 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 133 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अंगुल, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, छपरा, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धारूहेड़ा, धौलपुर, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हसन, हावेरी, हावड़ा, हुबली, जलगांव, जलना, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, काशीपुर, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मानेसर, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, रामनाथपुरम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सलेम, सांगली, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंकलेश्वर, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बाड़मेर, बेंगलुरु, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दिल्ली, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करनाल, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सिरसा, ठाणे, थूथुकुडी, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।