केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, देश के 48.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 41.7 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है।
बठिंडा सबसे प्रदूषित शहर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 166 दर्ज किया गया।
शिलांग की हवा सबसे साफ है। दिल्ली में प्रदूषण में गिरावट आई है, लेकिन वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में है।
प्रदूषण के मामले में जहां बालासोर (158) दूसरे स्थान पर है। वहीं बीकानेर (145) तीसरे स्थान पर बना हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 48.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 41.7 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 9.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है। राहत की खबर यह है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक आज एक बार फिर प्रदूषण के मामले में बठिंडा की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 166 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। रुझानों के मुताबिक वहां फिजाओं में घुला जहर इतना है कि वो लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
बठिंडा में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सुरक्षित सीमा से 269 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल बठिंडा में वायु गुणवत्ता का स्तर 175 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 9 अंकों की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 8 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बठिंडा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 20 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 100 फीसदी अधिक है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि प्रदूषण के मामले में जहां बालासोर (158) दूसरे स्थान पर है। वहीं बीकानेर (145) तीसरे स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह किशनगंज में भी 141 अंकों के साथ वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इसी तरह बद्दी (136) पांचवें, छपरा (133) छठे जबकि बागपत (132) सातवें पायदान पर है। आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुम्मिडिपूंडी (126), दिल्ली (120) और नोएडा (118) भी शामिल हैं।
रुझानों से यह भी पता चला है कि आज जहां किशनगंज, छपरा, गुम्मिडिपूंडी आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं। वहीं बठिंडा, बीकानेर, बद्दी, बागपत, नोएडा, चुरू, हनुमानगढ़, सिवान, गाजियाबाद, जैसलमेर, भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, मेरठ आदि में पीएम10 हावी है।
दूसरी तरफ देश के 105 यानी 48.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जिनमें लातूर, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, परभनी, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, सवाई माधोपुर आदि शहर शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में दिल्ली सहित 21 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बागपत, बालासोर, बठिंडा, भिवाड़ी, बीकानेर, छपरा, चुरू, दिल्ली, धनबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हनुमानगढ़, जैसलमेर, किशनगंज, मेरठ, नोएडा, रूपनगर, सिवान, श्रीगंगानगर शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 19 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है।
आंकड़ों से यह भी पता चला है कि देश के छोटे बड़े 90 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में कल्याण, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नांदेड़, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सतना, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी आदि शामिल हैं। कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 105 (+11.7 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 90 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 28 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 102 दर्ज किया गया था।
21 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 120 पर पहुंच गया है। मतलब कि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। वहीं फरीदाबाद में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 95 दर्ज दिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज किशनगंज चौथे स्थान पर है, वहीं बालासोर (158) दूसरे, जबकि बीकानेर (145) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 70, गाजियाबाद में 113, गुवाहाटी में 73, हनुमानगढ़ में 114, नोएडा में 118, ग्रेटर नोएडा में 103 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 47 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 72, चेन्नई में 79, चंडीगढ़ में 82, हैदराबाद में 65, जयपुर में 67 और पटना में 98 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 105 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बारां, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करूर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, परभनी, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, तालचेर, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बाड़मेर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भोपाल, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चेन्नई, छाल, चित्तूर, दौसा, देवास, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नांदेड़, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सतना, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 90 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।