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वायु

प्रदूषण में अव्वल गुरुग्राम, शिलांग में सबसे साफ हवा, आपके शहर के बारे में क्या कहते हैं आंकड़े

आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 9 दर्ज किया गया है। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है

Lalit Maurya

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 अगस्त 2025 को जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के जहां 62 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 33 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

रुझानों पर नजर डालें तो आज देश में लगातार चौथे दिन गुरूग्राम की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 170 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि कल से हरियाणा के इस शहर में प्रदूषण के स्तर में 85 अंकों की भारी गिरावट आई है। आज एक बार फिर गुरुग्राम की हवा में ओजोन के महीन कण हावी रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो गुरूग्राम में प्रदूषण का स्तर 183 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर आज भी लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि कल भी गुरूग्राम में प्रदूषण से स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 255 तक पहुंच गया था। हालांकि आज इसमें 85 अंकों का सुधार आया है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 9 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा खराब है।

गुरूग्राम की तरह ही प्रदूषण के मामले में आज मेघालय का बर्नीहाट दूसरे जबकि झांसी तीसरे स्थान पर है। बर्नीहाट में जहां सूचकांक 143 वहीं झांसी में 141 रिकॉर्ड किया गया। कमोबेश ऐसी ही स्थिति रूपनगर की भी है, जो आज 139 अंकों के साथ देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर है।

इसी तरह एलूर (128) पांचवें जबकि बीकानेर (124) छठे स्थान पर बना हुआ है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की बात करें तो आज उनमें धौलपुर (121), ग्रेटर नोएडा (119), श्रीगंगानगर (111) और समस्तीपुर (107) भी शामिल हैं।

विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज जहां बर्नीहाट, झांसी आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण हावी हैं। वहीं गुरूग्राम, श्रीगंगानगर में ओजोन जबकि रूपनगर, एलूर आदि में कार्बन से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह बीकानेर, धौलपुर, ग्रेटर नोएडा, समस्तीपुर, चुरू आदि की हवा में पीएम10 हावी है।

इन शहरों के उलट आज देश में अगरतला सहित 137 शहरों की हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में भुवनेश्वर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बाते करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। दिल्ली में 15 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 76 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज दिल्ली सहित देश के छोटे बड़े 74 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में अहमदनगर, अजमेर, अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, बद्दी, बदलापुर, बरेली, बाड़मेर, भागलपुर, भिवाड़ी, भोपाल, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, गया, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर आदि शहर शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी की गिरावट आई है।

देश में साफ और संतोषजनक हवा वाले शहरों के उलट 11 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बीकानेर, बर्नीहाट, चुरू, धौलपुर, एलूर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, झांसी, रूपनगर, समस्तीपुर, श्रीगंगानगर शामिल हैं। राहत की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं देश में एक भी शहर ऐसा नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता खराब या बेहद खराब श्रेणी में हो।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से 137 (+14) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 74 (-16) शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 17 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 90 दर्ज किया गया था।

11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (170) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 255 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 15 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 76 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज मध्यम से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।    

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ावकादौरलगातार जारीहै।प्रदूषणकेमामलेमेंआजरूपनगर चौथेस्थानपरहै, वहीं बर्नीहाट (143) दूसरे, जबकिझांसी (141) तीसरेस्थानपरहै।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 67, गाजियाबाद में 65, गुवाहाटी में 49, गुरूग्राम में 170, नोएडा में 61, ग्रेटर नोएडा में 119 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 43 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 48, चेन्नई में 44, चंडीगढ़ में 36, हैदराबाद में 59, जयपुर में 65 और पटना में 60 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 137 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बागलकोट, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, बद्दी, बदलापुर, बरेली, बाड़मेर, भागलपुर, भिवाड़ी, भोपाल, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, गया, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कन्नूर, करौली, कटिहार, कटनी, खुर्जा, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नोएडा, पाली, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पूर्णिया, राजसमंद, सहरसा, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिंगरौली, सोलापुर, तिरुवनंतपुरम, टोंक, उदयपुर, विजयवाड़ा आदि 74 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।