वायु

प्रदूषण में अव्वल ग्रेटर नोएडा, दिल्ली में भी बढ़कर 136 पर पहुंचा एक्यूआई

आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 7 दर्ज किया गया

Lalit Maurya

आज देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 240 पर पहुंच गया। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

रुझानों पर नजर डालें तो इस दौरान उत्तर प्रदेश के इस शहर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों के लिहाज से देखें तो ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर 433 फीसदी अधिक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 25 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के करीब 52 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 42 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ छह फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

गौरतलब है कि कल देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 186 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि आज सरकार द्वारा साझा जानकारी में श्रीगंगानगर की वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े नदारद हैं।

प्रदूषण के मामले में आज नोएडा (173) दूसरे जबकि बद्दी (164) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 156 अंकों के साथ बुलन्दशहर चौथे जबकि गाजियाबाद (140) पांचवें पायदान पर है। चुरू में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 138 अंकों के साथ प्रदूषित शहरों में छठे स्थान पर है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया। बता दें कि 136 अंकों के साथ आज दिल्ली प्रदूषित शहरों में सातवें स्थान पर है। आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में छपरा (114), खुर्जा (103) और मेरठ (103) भी शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक आज देश में ग्रेटर नोएडा, नोएडा, बद्दी, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, चुरू, दिल्ली, खुर्जा, मेरठ, नंदेसरी, टोंक, पाली आदि शहरों की हवा में पीएम10 हावी है।

इन शहरों के उलट आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 7 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 33 गुणा खराब है।

शिलांग की तरह ही आज देश के छोटे बड़े 106 शहरों में हवा साफ है।

इन शहरों में चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हसन, हावेरी, होसुर, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झांसी, जोरापोखर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसी तरह आंकड़ों के मुताबिक देश के 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नलबाड़ी, पटना, पीथमपुर आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

ऐसे ही कुछ उन शहरों के मामले में देखा गया, जहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। कल से देखें तो देश में मध्यम श्रेणी वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है। आज देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है, उनमें बद्दी, बुलन्दशहर, छपरा, चुरू, दिल्ली, गाजियाबाद, खुर्जा, मेरठ, नंदेसरी, नोएडा, पाली, टोंक शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 205 में से 106 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 24 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था।

12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (240) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 186 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 45 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 136 पर पहुंच गया। आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बुलन्दशहर चौथे स्थान पर है, वहीं नोएडा (173) दूसरे, जबकि बद्दी (164) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 40, गाजियाबाद में 140, गुवाहाटी में 47, हापुड में 96, नोएडा में 173, ग्रेटर नोएडा में 240 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 42 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 70, चेन्नई में 82, चंडीगढ़ में 59, हैदराबाद में 59, जयपुर में 86 और पटना में 66 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 106 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हसन, हावेरी, होसुर, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झांसी, जोरापोखर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, राउरकेला, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, बांसवाड़ा, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नलबाड़ी, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, राजगीर, रतलाम, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, तालचेर, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।