सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई  
वायु

लगातार तीसरे दिन प्रदूषण में अव्वल रहा इंफाल, हापुड-गाजियाबाद सहित कई शहरों में बिगड़े हालात

ताजा रुझानों के मुताबिक कल के मुकाबले देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब 21 फीसदी की गिरावट आई है

Lalit Maurya

देश में लगातार तीसरे दिन प्रदूषण के मामले में इंफाल अव्वल रहा। वहीं कल से देखें तो इंफाल में प्रदूषण के स्तर में गिरावट जरूर आई है, हालांकि वहां अभी भी हवा जानलेवा बनी हुई है। गौरतलब है कि इंफाल में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 301 दर्ज किया गया है, जबकि कल यह स्तर बढ़कर 500 तक पहुंच गया था। इसी तरह देश में बर्नीहाट (211), गाजियाबाद (218), हापुड (218), नोएडा (217) और पीथमपुर (213) में भी हवा दमघोंटू बनी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ आइजोल में हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 27 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर यानी इम्फाल की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद, हापुड, नोएडा, पीथमपुर, बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, जलगांव, मेरठ और मुजफ्फरनगर शामिल थे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा रुझानों के मुताबिक देश में आइजोल की तरह 30 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में कोलकाता, कोल्लम, मदिकेरी, मंगलौर, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, शिवमोगा, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब 21 फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 41 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 167 तक पहुंच गया। कुछ ऐसा ही पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी देखने को मिला है, जहां आठ अंक बढ़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक 88 तक पहुंच गया है। हालांकि राहत की बात रही कि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में फरीदाबाद की तरह ही 119 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर आदि शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 16 फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती बढ़कर 87 पर पहुंच गई है। कल से इन शहरों की संख्या में 45 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

बता दें कि देश में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दिल्ली, देवास, दुर्गापुर, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, करौली, खुर्जा, कोल्हापुर, कोटा, लुधियाना, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, परभनी, पटना, पूर्णिया, रायचुर, रतलाम, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सीकर, सिवान, सूरत, ठाणे, टोंक, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, विरार, यमुनानगर में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

वहीं पांच शहरों बर्नीहाट, गाजियाबाद, हापुड, नोएडा, और पीथमपुर में प्रदूषण से हालात दमघोंटू हैं। कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 13 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या भी 50 फीसदी से नीचे पहुंच गई है। दूसरी तरफ देश में 38 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 244 में से 31 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 142 दर्ज किया गया था। 87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में इंफाल (301) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (167) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 41 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 218, गुरुग्राम में 147, नोएडा में 217, ग्रेटर नोएडा में 200 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 115 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 58, चेन्नई में 44, चंडीगढ़ में 114, हैदराबाद में 88, जयपुर में 131 और पटना में 137 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, गंगटोक, हल्दिया, हसन, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, मदिकेरी, मंगलौर, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, शिवमोगा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अजमेर, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बहादुरगढ़, बालासोर, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जालंधर, झालावाड़, झांसी, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागौर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नारनौल, पलवल, पानीपत, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 120 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।