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वायु

फरीदाबाद बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, आइजोल से करीब 18 गुणा ज्यादा हुआ प्रदूषण

Lalit Maurya

देश के ज्यादातर शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है। हालांकि इस दौरान फरीदाबाद की हवा एक बार फिर बिगड़ रही है। कल से देखें तो फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 25 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मध्यम स्तर पर पहुंच गया है।

आंकड़ों के मुताबिक फरीदाबाद की हवा देश में सबसे ज्यादा खराब है। वहीं दूसरी तरफ आइजोल देश का सबसे साफ शहर रहा, जहां एक्यूआई 11 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि फरीदाबाद की तुलना आइजोल से करें तो वहां हवा करीब 18 गुणा ज्यादा खराब है। दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वायु गुणवत्ता में पांच अंकों का सुधार जरूर आया है, हालांकि अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही 19 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अमृतसर, बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, चरखी दादरी, दमोह, धनबाद, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, कैथल, मुजफ्फरनगर, रोहतक, रूपनगर, सासाराम, तिरुपति, तुमकुरु, वातवा आदि शहर शामिल थे।  कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। एक दिलचस्प चीज यह रही कि देश में किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' नहीं रहा।

आंकड़ों के मुताबिक आइजोल की तरह ही देश के 100 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में तीन फीसदी की गिरावट आई है। बता दें कि देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अरियालुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बरेली, बाड़मेर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिक्कबल्लापुर, चूरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हावड़ा, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालोर, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर आदि शहर शामिल हैं।

इसी तरह देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी करीब दो फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद इन शहरों की संख्या की संख्या 104 पर बनी हुई है। इन शहरों में बदलापुर, बागलकोट, बहादुरगढ़, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपदा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चेन्नई, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हिसार, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जींद, कन्नूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर आदि शामिल थे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 226 में से 101 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 जून 2024 यह आंकड़ा 106 दर्ज किया गया था।

21 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। दूसरे शहरों की तुलना में फरीदाबाद (196) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स पांच अंक गिरकर 113 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 196, गाजियाबाद में 125, गुरुग्राम में 158, नोएडा में 98, ग्रेटर नोएडा में 103 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 52 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 65, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 76, हैदराबाद में 52, जयपुर में 56 और पटना में 57 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 101 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 46, आगरा 29, आइजोल 11, अकोला 48, अलवर 50, अमरावती 38, अमरावती 46, अरियालुर 35, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 46, बांसवाड़ा 45, बरेली 20, बाड़मेर 42, भिलाई 33, भीलवाड़ा 31, भोपाल 33, बूंदी 38, ब्यासनगर 39, बर्नीहाट 39, चामराजनगर 48, चंद्रपुर 33, छाल 33, छपरा 42, चिक्कबल्लापुर 39, चूरू 33, कोयंबटूर 39, कुड्डालोर 38, कटक 44, दावनगेरे 26, देहरादून 30, धौलपुर 44, एलूर 45, फिरोजाबाद 33, गडग 47, गंगटोक 22, गया 47, गुवाहाटी 34, हल्दिया 35, हसन 48, हावेरी 37, हावड़ा 47, इंदौर 46, जबलपुर 36, जैसलमेर 42, जालोर 47, झांसी 30, जोधपुर 45, कलबुर्गी 44, कल्याण 34, कानपुर 47, करनाल 44, कारवार 30, कटिहार 35, कटनी 35, कोलकाता 42, कोप्पल 48, कोरबा 30, कुंजेमुरा 48, लातूर 37, मदिकेरी 21, महाद 38, मंडीखेड़ा 34, मानेसर 36, मंगलौर 47, मीरा-भयंदर 42, मुरादाबाद 40, मैसूरु 29, नागपुर 48, नलबाड़ी 44, नांदेड़ 42, नारनौल 37, नासिक 42, नयागढ़ 43, ऊटी 36, पिंपरी-चिंचवाड़ 42, प्रतापगढ़ 42, प्रयागराज 33, पुणे 50, रायरंगपुर 45, राजमहेंद्रवरम 43, रामनगर 29, रतलाम 45, ऋषिकेश 42, सांगली 31, सतना 41, शिलांग 36, सिलचर 48, सिलीगुड़ी 27, सिरोही 40, शिवसागर 45, सोलापुर 50, सुआकाती 42, ठाणे 42, तिरुवनंतपुरम 34, त्रिशूर 46, तिरुपुर 37, टोंक 48, वापी 48, वाराणसी 30, वेल्लोर 41, विजयपुरा 42, यादगीर 39 शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अंबाला, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, बदलापुर, बागलकोट, बहादुरगढ़, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपदा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चेन्नई, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हिसार, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जींद, कन्नूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी विंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पलवल, पाथरडीह, पटियाला, पटना, पीथमपुर, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, राउरकेला, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, सोनीपत, तालचेर, टेन्सा, थूथुकुडी, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।