बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

बढ़ते प्रदूषण से विशाखापत्तनम में हवा ‘खराब’, औरंगाबाद में भी 200 के पार एक्यूआई

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो विशाखापत्तनम में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 384 फीसदी अधिक है

Lalit Maurya

  • देश में आज वायु प्रदूषण का सबसे खराब स्तर विशाखापत्तनम में दर्ज किया गया, जहां एक्यूआई 218 तक पहुंच गया और हवा ‘खराब’ श्रेणी में रही।

  • विशाखापत्तनम में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 384 फीसदी अधिक पाया गया।

  • कल की तुलना में विशाखापत्तनम में एक्यूआई 88 अंकों की भारी बढ़ोतरी हुई।

  • देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज औरंगाबाद (बिहार) दूसरे स्थान (206), ग्रेटर नोएडा तीसरे (191), छपरा चौथे (176) और गुम्मिडिपूंडी पांचवें स्थान (168) पर रहे।

  • शिलांग की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई केवल 12 दर्ज किया गया। यानी विशाखापत्तनम की स्थिति शिलांग से 17 गुना खराब है।

  • आज देश के 232 शहरों में से 77 शहरों की हवा साफ (एक्यूआई 0–50), 137 शहरों की हवा संतोषजनक (51–100) और 16 शहरों की हवा मध्यम (101–200) श्रेणी में रही।

  • साफ हवा वाले शहरों की संख्या कल से 1.3 फीसदी घटी, जबकि प्रदूषित शहरों की संख्या में 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

आज देश में बढ़ते प्रदूषण से विशाखापत्तनम की स्थिति सबसे खराब है। वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 218 पर पहुंच गया है। मतलब कि वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में है। इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) पूरी तरह हावी रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो विशाखापत्तनम में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 384 फीसदी अधिक है। बता दें कि कल विशाखापत्तनम में एक्यूआई 130 रिकॉर्ड किया गया था। तबसे वहां प्रदूषण के स्तर में 88 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

वहीं आंकड़ों के मुताबिक कल देश में नंदेसरी की स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 165 तक पहुंच गया था। हालांकि कल से आज नंदेसरी की वायु गुणवत्ता में 6 अंकों का सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 33.2 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 59 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 7.8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है।

हालांकि कल से साफ हवा वाले शहरों में मामूली गिरावट आई है, जबकि मध्यम वायु  गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कमी आई है। विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि कल से देश में जहां प्रदूषित शहरों की गिनती में 16 फीसदी गिरावट आई है। वहीं साफ हवा वाले शहरों की संख्या में भी 1.3 फीसदी की मामूली गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर विशाखापत्तनम की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा खराब है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बिहार का औरंगाबाद दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 206 दर्ज किया गया है।

आंकड़ों के मुताबिक आज ग्रेटर नोएडा (191) तीसरे जबकि छपरा (176) चौथे स्थान पर है। गुम्मिडिपूंडी में भी कमोबेश ऐसी ही है, जो 168 अंकों के साथ पांचवे स्थान पर है। इसी तरह नंदेसरी-सहरसा में एक्यूआई 159 दर्ज किया गया है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बुलन्दशहर (143), गाजियाबाद (140) और नोएडा (140) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां औरंगाबाद (बिहार), छपरा, गुम्मिडिपूंडी, नंदेसरी, नोएडा, बिहार शरीफ, दिल्ली, चित्तूर आदि में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है। वहीं विशाखापत्तनम, ग्रेटर नोएडा, सहरसा, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, सिंगरौली, हापुड, बांसवाड़ा, बद्दी, वापी आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इन शहरों के विपरीत आज देश में अजमेर सहित 77 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सासाराम, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, तंजावुर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 1.3 फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों पर नजर डालें तो आज देश के छोटे-बड़े 137 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिरोही, सिवान, श्रीगंगानगर आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही आज देश के 15 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बांसवाड़ा, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, छपरा, चित्तूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, नंदेसरी, नोएडा, सहरसा, सिंगरौली, वापी आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 16 फीसदी की गिरावट आई है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 232 में से 77 (-1.3 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 137 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 12 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 137 दर्ज किया गया था।

16 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में विशाखापत्तनम (218) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 165 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक अंकों के उछाल के साथ 109 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज छपरा चौथे स्थान पर है, वहीं औरंगाबाद (बिहार) (206) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (191) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 69, गाजियाबाद में 140, गुवाहाटी में 63, गुरूग्राम में 84, नोएडा में 140, ग्रेटर नोएडा में 191 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 80, चेन्नई में 81, चंडीगढ़ में 49, हैदराबाद में 79, जयपुर में 96 और पटना में 90 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 77 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अजमेर, अकोला, आसनसोल, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, भागलपुर, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, गंगटोक, होसुर, हुबली, जैसलमेर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सासाराम, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, उल्हासनगर, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिरोही, सिवान, श्रीगंगानगर, सुआकाती, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 137 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।