सांसों में घुलता जहर बड़ों के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है; फोटो: विकास चौधरी/ सीएसई 
वायु

बढ़ते प्रदूषण से हाजीपुर में सांसों पर लगा 'आपातकाल', दिल्ली में हल्की सी राहत

देश के पांच फीसदी से भी कम शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहतर' है। वहीं करीब 70 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं

Lalit Maurya

देश में बढ़ते प्रदूषण का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा। आलम यह है कि हाजीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर आपात स्थिति तक पहुंच गया है। ताजा रुझानों के मुताबिक हाजीपुर में एक्यूआई 427 दर्ज किया गया है। इसके बाद प्रदूषण के मामले में चंडीगढ़ (343) दूसरे, जबकि पटना (340) तीसरे स्थान पर रहा।

वहीं राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है। हालांकि इसके बावजूद प्रदूषण का स्तर जानलेवा है। कल से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 18 अंकों का सुधार जरूर आया है, लेकिन अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 334 बना हुआ है। देखा जाए तो इन सभी शहरों में हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।

वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर आइजोल   की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 29 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति करीब 14 गुणा ज्यादा खराब है।

बता दें कि देश में आइजोल की तरह ही छोटे-बड़े 13 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, क्योंझर, नगांव, नाहरलगुन, नयागढ़, शिलांग, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल रहे। हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 19 फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में 57 शहरों की हवा 'खराब' है, जहां प्रदूषण का स्तर 200 से 300 के बीच बना हुआ है। हालांकि चिंता की बात यह रही कि कल से 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।

बता दें कि देश में अमृतसर, अररिया, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बुलन्दशहर, बक्सर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, देहरादून, धारूहेड़ा, धुले, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, जलगांव, जींद, कैथल, करौली, कोल्हापुर, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पंचकुला, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पूर्णिया, राजगीर, रोहतक, सहरसा, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सोनीपत, श्रीगंगानगर, टोंक, उज्जैन, उल्हासनगर, यमुनानगर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब बना हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अजमेर सहित 67 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, राउरकेला, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल थे। कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के छोटे बड़े 120 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में फरीदाबाद भी शामिल है। कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

बता दें कि देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अम्बाला, अंगुल, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवानी, बीदर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, चंद्रपुर, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देवास, धौलपुर, डिंडीगुल, फरीदाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करनाल, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पानीपत, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पुणे, रायचुर, रायपुर, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सांगली, सासाराम, सीकर, सिरसा, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, ठाणे, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, वापी, वातवा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

कुल मिलाकर देखें तो देश के पांच फीसदी से भी कम शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर है। वहीं करीब 26 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है, जबकि करीब 70 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 261 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 67 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 82 दर्ज किया गया था। 120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (427) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 450 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल मंडीदीप में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 372 तक पहुंच गया।

प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, जहां कल से प्रदूषण के स्तर में 18 अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 334 तक पहुंच गया। इसका मतलब दिल्ली में आज भी हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 198, गाजियाबाद में 245, गुरुग्राम में 219, नोएडा में 222, ग्रेटर नोएडा में 277 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 144 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 243, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 343, हैदराबाद में 117, जयपुर में 188 और पटना में 340 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, क्योंझर, नगांव, नाहरलगुन, नयागढ़, शिलांग, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल रहे।

वहीं अजमेर, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, झालावाड़, झांसी, कडपा, कारवार, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, ऊटी, पालकलाईपेरुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, राउरकेला, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तुमिडीह, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।