गुरुग्राम आज लगातार दूसरे दिन देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। हालांकि कल से वहां प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 06 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 202 रिकॉर्ड किया गया है। मतलब की कल से वायु गुणवत्ता में 46 अंकों का सुधार आया है।
वहीं गुरुग्राम के विपरीत दिल्ली की हवा कल से खराब हुई है, जहां 22 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 141 पर पहुंच गया है। लेकिन अभी भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
रुझानों पर नजर डालें तो प्रदूषण के मामले में आज जैसलमेर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 170 दर्ज किया गया है। 152 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा तीसरे स्थान पर है। वहीं चंद्रपुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 143 दर्ज किया गया।
सीपीसीबी द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि जहां आज दिल्ली, गुरूग्राम, जैसलमेर और चंद्रपुर में ओजोन हावी रहा। वहीं लखनऊ में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। दूसरी तरफ राउरकेला, बागपत, अहमदनगर, बुलन्दशहर और जलगांव में पीएम10 हावी है।
आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली देश के पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है। लखनऊ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 136 अंकों के साथ आज छठे स्थान पर है। इसी तरह राउरकेला (131), दुर्गापुर (129), बागपत (128) और धनबाद (124) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि कल से देश की हवा में सुधार जरूर आया है। देश के जहां 19 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 13 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। 68 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
वहीं इन शहरों के उलट पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है। पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के 41 अन्य शहरों में हवा साफ है।
इन शहरों में पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुनेलवेली, वातवा, वृंदावन आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।
आगरा सहित देश के छोटे बड़े 147 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सलेम, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उदयपुर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों में मामूली इजाफा हुआ है।
भिवाड़ी सहित देश के 26 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, जैसलमेर, जलगांव, कल्याण, कटिहार, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, नोएडा, राउरकेला, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं। कल से देखें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 42 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 147 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 मई 2025 को यह आंकड़ा 146 दर्ज किया गया था।
26 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (202) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 210 के करीब पहुंच गया। कल भी गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 248 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 22 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 141 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चंद्रपुर चौथे स्थान पर है, वहीं जैसलमेर (170) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (152) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 68, गाजियाबाद में 106, गुवाहाटी में 58, गुरूग्राम में 202, नोएडा में 118, ग्रेटर नोएडा में 152 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 136, चेन्नई में 53, चंडीगढ़ में 62, हैदराबाद में 75, जयपुर में 81 और पटना में 97 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 42 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, बेतिया, भागलपुर, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, छाल, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, हुबली, इंदौर, झांसी, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुनेलवेली, वातवा, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सलेम, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 147 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
गुरुग्राम आज लगातार दूसरे दिन देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। हालांकि कल से वहां प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 06 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 202 रिकॉर्ड किया गया है। मतलब की कल से वायु गुणवत्ता में 46 अंकों का सुधार आया है।
वहीं गुरुग्राम के विपरीत दिल्ली की हवा कल से खराब हुई है, जहां 22 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 141 पर पहुंच गया है। लेकिन अभी भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
रुझानों पर नजर डालें तो प्रदूषण के मामले में आज जैसलमेर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 170 दर्ज किया गया है। 152 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा तीसरे स्थान पर है। वहीं चंद्रपुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 143 दर्ज किया गया।
सीपीसीबी द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि जहां आज दिल्ली, गुरूग्राम, जैसलमेर और चंद्रपुर में ओजोन हावी रहा। वहीं लखनऊ में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। दूसरी तरफ राउरकेला, बागपत, अहमदनगर, बुलन्दशहर और जलगांव में पीएम10 हावी है।
आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली देश के पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है। लखनऊ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 136 अंकों के साथ आज छठे स्थान पर है। इसी तरह राउरकेला (131), दुर्गापुर (129), बागपत (128) और धनबाद (124) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि कल से देश की हवा में सुधार जरूर आया है। देश के जहां 19 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 13 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। 68 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
वहीं इन शहरों के उलट पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है। पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के 41 अन्य शहरों में हवा साफ है।
इन शहरों में पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुनेलवेली, वातवा, वृंदावन आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।
आगरा सहित देश के छोटे बड़े 147 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सलेम, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उदयपुर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों में मामूली इजाफा हुआ है।
भिवाड़ी सहित देश के 26 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, जैसलमेर, जलगांव, कल्याण, कटिहार, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, नोएडा, राउरकेला, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं। कल से देखें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 42 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 147 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 मई 2025 को यह आंकड़ा 146 दर्ज किया गया था।
26 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (202) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 210 के करीब पहुंच गया। कल भी गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 248 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 22 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 141 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चंद्रपुर चौथे स्थान पर है, वहीं जैसलमेर (170) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (152) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 68, गाजियाबाद में 106, गुवाहाटी में 58, गुरूग्राम में 202, नोएडा में 118, ग्रेटर नोएडा में 152 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 136, चेन्नई में 53, चंडीगढ़ में 62, हैदराबाद में 75, जयपुर में 81 और पटना में 97 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 42 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, बेतिया, भागलपुर, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, छाल, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, हुबली, इंदौर, झांसी, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुनेलवेली, वातवा, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सलेम, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 147 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।