भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

गिरावट के बावजूद दिल्ली में जारी प्रदूषण का कहर, कैथल में कहीं ज्यादा जहरीली हुई हवा

दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 14 अंकों की गिरावट जरूर आई है, लेकिन वहां अभी भी प्रदूषण का स्तर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है

Lalit Maurya

देश में बढ़ते प्रदूषण का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा। एक बार फिर कैथल में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा दर्ज किया गया, जहां 52 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 372 तक पहुंच गया है। मतलब की वहां हवा पहले से कहीं ज्यादा जहरीली हो गई है।

हालांकि इस बीच दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 14 अंकों की गिरावट जरूर आई है, लेकिन वहां अभी भी प्रदूषण का स्तर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।

देश में सबसे प्रदूषित शहरों के मामले में दिल्ली पांचवें स्थान पर है। वहीं मुजफ्फरनगर (291), सिंगरौली (289), हाजीपुर (279) में स्थिति दिल्ली से कहीं ज्यादा खराब है।

देखा जाए तो यह आंकड़े इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि हवा में बढ़ता यह जहर केवल दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है और बड़ी तेजी से छोटे शहर भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में कुरूक्षेत्र (277), सोनीपत (256), गाजियाबाद (253), रोहतक (247) और हापुड (240) शामिल रहे।

आंकड़ों के मुताबिक देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। उनमें पानीपत, हिसार, कटिहार, नोएडा, पटना, बद्दी, बहादुरगढ़, टोंक, मेरठ, जींद, फतेहाबाद, बल्लभगढ़, बर्नीहाट, खुर्जा शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश के छोटे बड़े 61 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है। इन शहरों में हुबली, जलना, कलबुर्गी, करूर, क्योंझर, कोल्लम, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नगांव, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी आदि शामिल थे। कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या भी बढ़कर 85 पर पहुंच गई है। कल की तुलना में देखें तो साफ हवा वाले शहरों की तरह ही संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों में भी दस फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

बता दें कि देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों में कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, परभनी, पिंपरी-चिंचवड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सलेम आदि शहर शामिल थे।

देश में कल से फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी अच्छा खासा सुधार आया है, जहां 50 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 192 पर पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 88 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अम्बाला, अमृतसर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बारां, बाड़मेर, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, दुर्गापुर,  गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, पाली, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पीथमपुर, रायचुर, राजगीर, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सीकर, सिरसा, सिवान, श्रीगंगानगर, तालचेर, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, विजयपुरा, यमुनानगर शामिल हैं।

कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं खराब हवा वाले शहरों की संख्या जस की तस बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों से पता चला है कि देश के कई शहरों में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, हालांकि इसके बावजूद स्थिति 'खराब' बनी हुई है। ताजा रुझानों के मुताबिक देश के करीब 24 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि करीब 33 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ देश के 43 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 258 में से 61 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 85 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 77 दर्ज किया गया था। 88 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में कैथल (372) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल कैथल में वायु गुणवत्ता का स्तर 320 दर्ज किया गया था। यदि दिल्ली (278) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 14 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 192, गाजियाबाद में 253, गुरुग्राम में 176, नोएडा में 229, ग्रेटर नोएडा में 154 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 164, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 156, हैदराबाद में 66, जयपुर में 178 और पटना में 227 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 61 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अकोला, बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बेलगाम, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, धुले, डिंडीगुल, एलूर, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हुबली, जलना, कलबुर्गी, करूर, क्योंझर, कोल्लम, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नगांव, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा, सोलापुर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, दौसा, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झांसी, कडपा, कल्याण, करौली, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, परभनी, पिंपरी-चिंचवड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सलेम, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, तुमकुरु, उल्हासनगर, वाराणसी, विरार, वृंदावन आदि 85 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।