बहादुरगढ़ में प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 पर है। हालांकि, कल से 40 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।
इसके बावजूद, प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,200 फीसदी अधिक है। वहीं, शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां सूचकांक मात्र 16 है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 294 पर पहुंच गया।
हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,860 फीसदी अधिक खराब है।
फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जिसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 167 पर पहुंच गया है।
आज प्रदूषण के मामले में रोहतक (346) दूसरे जबकि सोनीपत (343) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 319 अंकों के साथ बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है।
धारूहेड़ा-ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 315 और 296 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश में आज प्रदूषण के मामले में एक बार फिर बहादुरगढ़ पहले स्थान पर है, हालांकि कल से वहां प्रदूषण में गिरावट आई है। कल से तुलना करे तो वहां प्रदूषण में 40 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद सूचकांक 347 पर पहुंच गया। इसके बावजूद वहां आज भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।
रुझानों से पता चला है कि इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
बहादुरगढ़ में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,200 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता का स्तर 387 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 40 अंकों का सुधार आया है।
दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 16 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 अक्टूबर 2025 को 255 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 33 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 40 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 27 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 40.7 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में भी करीब तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है।
आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 27.3 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह 'बेहद खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कल से 44 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 294 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,860 फीसदी अधिक खराब है।
दूसरी तरफ फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जिसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 167 पर पहुंच गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में रोहतक (346) दूसरे जबकि सोनीपत (343) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 319 अंकों के साथ बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है। धारूहेड़ा-ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 315 और 296 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज दिल्ली (294) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज नोएडा (290), चरखी दादरी (279) और मेरठ (274) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के छह शहर (बहादुरगढ़, रोहतक, सोनीपत, बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, चरखी दादरी) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां बहादुरगढ़, रोहतक, सोनीपत, बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, नोएडा, चरखी दादरी, मेरठ, बुलन्दशहर, भिवानी, भिवाड़ी, हापुड, बागपत, गाजियाबाद, करनाल, मुजफ्फरनगर, दौसा, अमृतसर, मुरादाबाद, कुरूक्षेत्र, भरतपुर, गुरूग्राम, हाजीपुर, बिहार शरीफ, फरीदाबाद, गया, मंडी गोबिंदगढ़, गुम्मिडिपूंडी, जयपुर, लुधियाना, हनुमानगढ़, मंडीदीप, काशीपुर, पटना, सीकर, अलवर, नागौर, टोंक, जालंधर, चंडीगढ़, लखनऊ, खन्ना, सिंगरौली, बेगूसराय आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।
वहीं श्री गंगानगर, बीकानेर, खुर्जा, हल्दिया, चुरू, किशनगंज, सिलीगुड़ी, रतलाम, मैहर, पटियाला, धनबाद, सागर, बठिंडा, बरेली, वृंदावन, झुंझुनूं आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 32.5 फीसदी यानी 83 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में गांधीनगर, गंगटोक, हसन, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, करूर, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, रानीपेट, रूपनगर, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तंजावुर आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 40.7 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी तीन फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कोटा, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, पंचगांव, परभनी आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 49 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अलवर, औरंगाबाद (बिहार), बरेली, बठिंडा, बेगूसराय, भरतपुर, बिहार शरीफ, बीकानेर, चंडीगढ़, चुरू, धनबाद, फरीदाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मुरादाबाद, नागौर, नलबाड़ी, पटियाला, पटना, प्रयागराज, रतलाम, सागर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, श्री गंगानगर, तालचेर, टोंक, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरफ देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी 27 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।
आज देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें अमृतसर, बद्दी, बागपत, भिवाड़ी, भिवानी, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, दौसा, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, करनाल, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, रोहतक, सोनीपत शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में ‘बेहद खराब’ हवा वाले शहरों की गिनती में 44 फीसदी से अधिक की कमी आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 255 में से 83 शहरों (+41 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 102 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 27 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था।
49 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज फिर बहादुरगढ़ (347) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 387 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में 7 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 294 पर पहुंच गया है। मतलब की सुधार के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।
वहीं फरीदाबाद में भी प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है, जहां 31 अंकों के सुधार के बाद सूचकांक 167 पर पहुंच गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं रोहतक (346) दूसरे, जबकि सोनीपत (343) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 61, गाजियाबाद में 238, गुवाहाटी में 84, गुरूग्राम में 177, नोएडा में 290, ग्रेटर नोएडा में 296 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 123, चेन्नई में 36, चंडीगढ़ में 124, हैदराबाद में 62, जयपुर में 149 और पटना में 136 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 83 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गंगटोक, हसन, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, करूर, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, रानीपेट, रूपनगर, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अजमेर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कोटा, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, राजगीर, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सिवान, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तुमकुरु, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।