वायु

सुधार के बावजूद प्रदूषण में अव्वल अगरतला, झुंझुनूं में भी 200 के पार एक्यूआई

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। 31 अंकों के गिरावट के साथ वहां सूचकांक 158 पर पहुंच गया है

Lalit Maurya

अगरतला में कल से स्थिति में सुधार आया है। हालांकि इसके बावजूद प्रदूषण से स्थिति खराब बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 11 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगरतला में 53 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 283 पर पहुंच गया है। हालांकि वहां वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है। कल की तरह ही आज भी अगरतला में ओजोन प्रदूषण हावी रहा।

प्रदूषण के मामले में आज झुंझुनूं दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 207 रिकॉर्ड किया गया है। इस दौरान वहां भी ओजोन से स्थिति खराब रही। बता दें कि कल जहां देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती चार दर्ज की गई थी, वो आज घटकर दो रह गई है।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चुरू (189) तीसरे, जबकि बारबिल   (183) चौथे स्थान पर है। वहीं हाजीपुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 182 रिकॉर्ड किया गया है। करौली (179) देश का पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है।

वहीं 172 अंकों के साथ बिलीपाड़ा छठे स्थान पर है। वहीं सवाई माधोपुर (167) अंकों के साथ सातवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सवाई माधोपुर, दुर्गापुर, और दौसा शामिल हैं।

इस दौरान चुरू, सवाई माधोपुर, हाजीपुर और करौली में ओजोन हावी रहा। वहीं बिलीपाड़ा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5, जबकि बारबिल में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक रही।

वहीं दूसरी तरफ मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 12 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना सबसे साफ हवा वाले शहर मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 22 गुणा खराब है। मदिकेरी की तरह ही देश के 25 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नासिक, रामनगर, रामनाथपुरम, शिवमोगा, शिवसागर, सूरत, तिरुनेलवेली, विजयपुरा आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 24 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। 31 अंकों के गिरावट के साथ वहां सूचकांक 158 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली की हवा में ओजोन प्रदूषण हावी रहा।

दिल्ली की तरह ही देश के 55 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छपरा, चुरू, कटक, दौसा, धनबाद, दुर्गापुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, कल्याण, करौली, क्योंझर, खुर्जा, कोटा आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में तीन से ज्यादा फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में 140 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं।

कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि करीब 63 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ देश के 26 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 223 में से 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 140 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 मई 2025 को यह आंकड़ा 134 दर्ज किया गया था।

56 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (283) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल भी अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 336 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 31 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 158 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बारबिल चौथे स्थान पर है, वहीं झुंझुनूं (207) दूसरे, जबकि चुरू (189) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 114, गाजियाबाद में 125, गुवाहाटी में 66, गुरूग्राम में 89, नोएडा में 123, ग्रेटर नोएडा में 116 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 108, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 122, हैदराबाद में 76, जयपुर में 120 और पटना में 137 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, हुबली, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नासिक, रामनगर, रामनाथपुरम, शिवमोगा, शिवसागर, सूरत, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरार, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती  (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बूंदी, बक्सर, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दावनगेरे, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नवी मुंबई, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 140 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।