मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे अपेक्षाकृत बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में भी मृत्यु दर काफी ज्यादा है।  फोटो साभार: विकास चौधरी, सीएसई
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जहरबुझी हवा में सांस लेती दिल्ली, 51 फीसदी इलाकों में ‘बेहद खराब’ बह रही हवा

शादीपुर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 377 दर्ज किया गया। इसी तरह मुंडका में भी एक्यूआई 365 रिकॉर्ड किया गया है

Lalit Maurya

दिल्ली में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, इसके बावजूद कई इलाकों में अभी भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। हालांकि राहत की बात यह रही कि आज सुबह दिल्ली के किसी भी इलाके में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर नहीं रही। लेकिन अभी भी दिल्ली के 51 फीसदी से ज्यादा इलाकों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सुबह 10 बजे के लिए जारी आंकड़ों के मुताबिक शादीपुर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 377 दर्ज किया गया। इसी तरह मुंडका में भी एक्यूआई 365 रिकॉर्ड किया गया है।

ताजा रुझानों के मुताबिक बवाना (338), द्वारका सेक्टर 8 (332), नेहरू नगर (331), जहांगीरपुरी (330), वजीरपुर (330), आनंद विहार (328), पंजाबी बाग (327), रोहिणी (322) में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 320 के ऊपर बना हुआ है।

इसी तरह विवेक विहार, आईटीओ, अशोक विहार, सोनिया विहार, पटपड़गंज, अलीपुर, आरके पुरम, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, और नजफगढ़ में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब है, जहां सूचकांक 301 से 320 के बीच बना हुआ है। इन इलाकों की वायु गुणवत्ता में कल से सुधार तो आया है, लेकिन अभी भी हवा इस कदर जहरीली है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

दिल्ली के एक भी क्षेत्र में आज वायु गुणवत्ता साफ या संतोषजनक नहीं रही, जबकि करीब 49 फीसदी इलाकों में प्रदूषण से हवा की गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इन क्षेत्रों में आईजीआई एयरपोर्ट, बुराड़ी, एनएसआईटी द्वारका, डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, सिरीफोर्ट, आया नगर, मंदिर मार्ग, ओखला फेज II, दिलशाद गार्डन, पूसा, श्री अरबिंदो मार्ग, नॉर्थ कैंपस दिल्ली यूनिवर्सिटी, नरेला, सीआरआरआई मथुरा रोड, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, लोधी रोड, चांदनी चोक, डी.टी.यू, शामिल हैं, जहां सूचकांक 242 से 300 के बीच बना हुआ है।

बता दें कि दिल्ली के चांदनी चौक में स्थिति कुछ बेहतर रही, हालांकि वहां भी एक्यूआई 249 रिकॉर्ड किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 नवंबर 2024 को जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण के मामले में दिल्ली देश में चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 343 रिकॉर्ड किया गया था। देखा जाए तो इस महीने में पिछले 26 दिनों से लगातार दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। वहीं नवंबर में करीब आठ दिन वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

दिल्ली के साथ-साथ कल इसके आसपास के शहरों में भी प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद फरीदाबाद में इंडेक्स 215, गाजियाबाद में 238, गुरुग्राम में 289, नोएडा में 223, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 234 पर पहुंच गया।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 156 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 220, चेन्नई में 129, चंडीगढ़ में 233, हैदराबाद में 107, जयपुर में 169 और पटना में 218 दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।