बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

प्रदूषण में गिरावट के बावजूद थूथुकुडी में सांस लेना मुश्किल, मानक से 8 गुना अधिक प्रदूषण

देश में आज लगातार दूसरे दिन थूथुकुडी की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां एक्यूआई 400 के ऊपर है। वहीं दूसरी तरफ शिलांग की हवा सबसे साफ है

Lalit Maurya

  • थूथुकुडी में प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बावजूद वायु गुणवत्ता गंभीर बनी हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पर है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 800 फीसदी अधिक है।

  • देश के अन्य शहरों की तुलना में थूथुकुडी की स्थिति सबसे खराब है, जबकि शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।

  • राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 291 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी ‘खराब’ बने हुए हैं

  • आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 194 रिकॉर्ड किया गया है।

  • आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में रोहतक (329) दूसरे जबकि गाजियाबाद (325) तीसरे स्थान पर है।

  • इसी तरह 324 अंकों के साथ सिवान चौथे स्थान पर है। नोएडा-हापुड में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 304 और 299 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज कैथल (294) सातवें स्थान पर हैं।

  • आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के चार (गाजियाबाद, नोएडा, हापुड, मेरठ) और हरियाणा के तीन (रोहतक, कैथल, भिवानी) शहर शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि आज लगातार दूसरे दिन प्रदूषण के मामले में थूथुकुडी अव्वल है। हालांकि कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, इसके बावजूद थूथुकुडी में वायु गुणवत्ता गंभीर बनी हुई है। रुझानों से पता चला है कि आज थूथुकुडी में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 406 पर पहुंच गया है। बता दें कि कल थूथुकुडी में एक्यूआई 486 दर्ज किया गया था। इसके साथ ही आज भी वहां वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है।

रुझानों से पता चला है कि आज वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

थूथुकुडी में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 800 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर थूथुकुडी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 33 गुणा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 नवंबर, 2025 को 252 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 15.9 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 46.8 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 37.3 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 25.8 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में 20.4 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 19 फीसदी का इजाफा हुआ है। आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 18.8 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 69 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जोकि बेहद राहत की खबर है। 

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 291 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी ‘खराब’ बने हुए हैं। वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 547 फीसदी अधिक प्रदूषित है।

आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 194 रिकॉर्ड किया गया है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में रोहतक (329) दूसरे जबकि गाजियाबाद (325) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 324 अंकों के साथ सिवान चौथे स्थान पर है। नोएडा-हापुड में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 304 और 299 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज कैथल (294) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मेरठ (292), दिल्ली (291) और भिवानी (287) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के चार (गाजियाबाद, नोएडा, हापुड, मेरठ) और हरियाणा के तीन (रोहतक, कैथल, भिवानी) शहर शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां रोहतक, सिवान, हापुड, कैथल, भिवानी, बागपत, जींद, करनाल, कुरूक्षेत्र, मुजफ्फरनगर, अम्बाला, बुलन्दशहर, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, चरखी दादरी, खुर्जा, खन्ना, यमुनानगर, धारूहेड़ा, हावड़ा, नारनौल, बैरकपुर, लुधियाना, कोलकाता, हल्दिया, फरीदाबाद, सिंगरौली, पटियाला, बालासोर, बठिंडा, काशीपुर, सिरसा, पंचकुला, आसनसोल, भागलपुर, बारबिल, जालंधर, बारीपदा, बेतिया, अंगुल, गुम्मिडिपूंडी, बल्लभगढ़, अमृतसर, कटक आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं थूथुकुडी, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, दिल्ली, भिवाड़ी, गुरूग्राम, पटना, मुरादाबाद, गया, चुरू, दुर्गापुर, लखनऊ, कटनी, क्योंझर, सीकर, झुंझुनूं, मंडी गोबिंदगढ़, नागौर, मंगुराहा, बीकानेर, राउरकेला, हिसार, ग्वालियर, बिलीपाड़ा, कानपुर, दौसा, धौलपुर, वृंदावन, बरेली, श्री गंगानगर, चंद्रपुर, टोंक, प्रयागराज, सासाराम, करौली, भोपाल आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 15.9 फीसदी यानी 40 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अरियालूर, आरा, भीलवाड़ा, बिलासपुर, चामराजनगर, छपरा, दावनगेरे, धुले, फतेहाबाद, गडग, होसुर, इंदौर, करूर, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैहर, मिलुपारा, मैसूर, नाहरलगुन, नासिक आदि शामिल हैं। 

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 25.9 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 20.4 फीसदी का इजाफा हुआ है।    

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, देवास, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 63 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, बेतिया, भागलपुर, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चुरू, कटक, दौसा, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हिसार, जबलपुर, जालंधर, झुंझुनूं, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोलकाता, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पटना, प्रयागराज, राउरकेला, सासाराम, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, श्री गंगानगर, तालचेर, टोंक, वृंदावन शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 19 फीसदी का इजाफा हुआ है। 

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 26 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अम्बाला, बद्दी, बागपत, बैरकपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, दिल्ली, धारूहेड़ा, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, जींद, कैथल, करनाल, खन्ना, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नारनौल, यमुनानगर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 19 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह आज देश के चार शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में गाजियाबाद, नोएडा, रोहतक, सिवान शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में ‘बेहद खराब’ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 69.2 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है। 

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 252 में से 40 शहरों (-25.9) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 118 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 03 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 98 दर्ज किया गया था।

63 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज थूथुकुडी (406) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। वहीं कल थूथुकुडी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 486 दर्ज किया गया था। मतलब की कल से तमिलनाडु के इस शहर के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 80 अंकों का सुधार आया है।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में 18 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 291 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ बनी हुई है। आज फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जहां 4 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई 194 दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सिवान चौथे स्थान पर है, वहीं रोहतक (329) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (325) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 123, गाजियाबाद में 325, गुवाहाटी में 57, गुरूग्राम में 219, नोएडा में 304, ग्रेटर नोएडा में 262 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 149, चेन्नई में 97, चंडीगढ़ में 115, हैदराबाद में 75, जयपुर में 99 और पटना में 197 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 40 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अरियालूर, आरा, भीलवाड़ा, बिलासपुर, चामराजनगर, छपरा, दावनगेरे, धुले, फतेहाबाद, गडग, होसुर, इंदौर, करूर, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैहर, मिलुपारा, मैसूर, नाहरलगुन, नासिक, पालकालाइपेरुर, परभनी, पेरुंदुरई, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवसागर, सोलापुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उडुपी, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, देवास, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कोटा, मदुरै, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सूरत, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।