दिल्लीवालों को प्रदूषण से अभी पूरी तरह राहत नहीं मिली है, स्थिति यह है कि दिल्ली के कई इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर अभी भी बेहद खराब बना हुआ है। आज सुबह दस बजे के लिए जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में शादीपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां एक्यूआई 360 रिकॉर्ड किया गया है।
इसी तरह नेहरू नगर में भी एक्यूआई 347 तक पहुंच गया। आनंद विहार में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां सूचकांक 346 पर बना हुआ है।
इसी तरह रोहिणी में एक्यूआई 344, मुंडका में 339, वजीरपुर में 338, चांदनी चौक में 336, बवाना में 335, जहांगीरपुरी में 331, बुराड़ी में 322, अशोक विहार में 309, विवेक विहार में 309 और सोनिया विहार में 302 दर्ज किया गया है। इन सभी 13 इलाकों की हवा जहरीली बनी हुई है। हालांकि 24 अन्य इलाकों में वायु गुणवत्ता तुलनात्मक रूप से उतनी खराब नहीं थी, लेकिन वहां भी एक्यूआई 200 से 300 के बीच यानी 'खराब' बना हुआ है।
बता दें कि दिल्ली के जिन इलाकों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।
उनमें पंजाबी बाग, पटपड़गंज, ओखला फेज II, आरके पुरम, अलीपुर, नरेला, आईटीओ, सिरीफोर्ट, सीआरआरआई मथुरा रोड, द्वारका सेक्टर 8, डी.टी.यू, आईजीआई एयरपोर्ट, नॉर्थ कैंपस दिल्ली यूनिवर्सिटी, डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, दिलशाद गार्डन, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, श्री अरबिंदो मार्ग, दिल्ली, आया नगर, मंदिर मार्ग, नजफगढ़, एनएसआईटी द्वारका, पूसा शामिल हैं।
आंकड़ों की मानें तो दिल्ली में लोधी रोड की हवा सबसे साफ है, लेकिन वहां भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 166 रिकॉर्ड किया गया है।
वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 257 में से महज 37 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 79 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 06 दिसंबर को यह आंकड़ा 87 दर्ज किया गया था। 124 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (316) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 322 दर्ज किया गया था। इसी तरह हापुड (307) और धनबाद (301) में भी स्थिति 'बेहद खराब' है।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 36 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर एक बार फिर 'खराब' श्रेणी में पहुंच गया है। बता दें कि दिल्ली में तीन दिन वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रहने के बाद एक बार फिर खराब हो गई है।
वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को बेहद बीमार बना सकता है। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दुर्गापुर चौथे स्थान पर है, वहीं हापुड (307) दूसरे, जबकि धनबाद (301) तीसरे स्थान पर है।
कल से तुलना करें तो देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं 16 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अगरतला, अंगुल, आसनसोल, बैरकपुर, भुवनेश्वर, बक्सर, दिल्ली, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, हावड़ा, जींद, पटना, सिलीगुड़ी, श्री गंगानगर, टोंक शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 199, गाजियाबाद में 175, गुरुग्राम में 198, नोएडा में 179, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 218 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 126 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 151, चेन्नई में 44, चंडीगढ़ में 181, हैदराबाद में 78, जयपुर में 142 और पटना में 268 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, गडग, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, कोलार, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, शिवमोगा, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में दस फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। इसी तरह देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी कल से नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
बता दें कि देश में आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, भागलपुर, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, करौली, करनाल, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदुरै, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, पलवल, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सांगली, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, तिरुपति, उज्जैन, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 79 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 56 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए है। इसी तरह देश के करीब 31 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।