वायु

प्रदूषण में अव्वल दिल्ली, डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मानकों से 33 गुणा अधिक पीएम2.5

देश के महज चार फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' है, जबकि 73 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं

Lalit Maurya

दिल्ली सहित देश के कई शहरों में बढ़ता प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा। आलम यह है कि दिल्ली में 53 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के करीब पहुंच गया। प्रदूषण के मामले में गुरूग्राम दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 469 तक पहुंच गया है।

इसी तरह बहादुरगढ़ में भी 453 अंकों के साथ वायु गुणवत्ता गंभीर है। कुछ ऐसी ही स्थिति देश के आठ अन्य शहरों की है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार है। इन शहरों में भिवाड़ी, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, हापुड, सोनीपत, भिवानी, नोएडा, और चुरू शामिल हैं।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों से करीब 3,200 फीसदी अधिक है। मतलब की वो स्वास्थ्य के लिहाज से कितनी खराब है, इसका अंदाजा आप खुद ब खुद लगा सकते हैं। इसी तरह गुरुग्राम में भी स्थिति 3,000 फीसदी ज्यादा खराब है। कुछ ऐसी ही स्थिति बहादुरगढ़ की भी है, जहां स्थिति मानकों से 2,920 फीसदी ज्यादा है।

कल के मुकाबले देखें तो देश में गंभीर हवा वाले शहरों की संख्या में 175 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश के 16 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बुलन्दशहर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, झुंझुनूं, जींद, कैथल, करौली, खुर्जा, मेरठ, नारनौल, पलवल, पटना, रोहतक, सीकर शामिल हैं, जहां एक्यूआई 300 से 400 के बीच बना हुआ है।

हालांकि राहत की बात रही की कल के मुकाबले देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 24 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 20 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 24 गुणा ज्यादा खराब है।

देश के महज दस शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया। इन शहरों में आइजोल, चामराजनगर, कोयंबटूर, मदुरै, मैहर, नगांव, रामनाथपुरम, तंजावुर, त्रिशूर आदि शामिल थे। हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 63 फीसदी की गिरावट आई है।

बता दें कि दिल्ली की तरह ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' है, जहां कल से एक्यूआई में 92 अंकों का उछाल आया है। इसके बाद फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 367 तक पहुंच गया है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में अलवर की तरह ही 44 अन्य शहरों में प्रदूषण का स्तर 'खराब' है। इन शहरों में अगरतला, आगरा, अलवर, अमृतसर, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बैरकपुर, भागलपुर, भरतपुर, भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, धौलपुर, दुर्गापुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, जयपुर, जालंधर, किशनगंज, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, पानीपत, पटियाला, राजगीर, सहरसा, सिंगरौली, सूरत, तालचेर, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 104 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दौसा, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कानपुर, करनाल, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुदुकोट्टई, पुणे, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सोलापुर, ठाणे, तिरुपति, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर, यमुनानगर आदि शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम हवा वाले शहरों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है।

दूसरी तरफ देश में अनंतपुर की तरह ही 55 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों में काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मंगलौर, मैसूर, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं।

देश में दूसरी तरफ अनंतपुर की तरह ही 55 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों में काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मंगलौर, मैसूर, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं।

कुल मिलाकर देखें तो देश के महज चार फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है। वहीं करीब 73 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह देश के 23 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 240 में से महज दस शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 55 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 51 दर्ज किया गया था। 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (494) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 500 के करीब पहुंच गया। हालांकि कल बहादुरगढ़ में हवा सबसे ज्यादा खराब थी। जब एक्यूआई 445 दर्ज किया गया था। कल से दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 53 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' स्तर पर बना हुआ है। मतलब की इस महीने में लगातार 18 दिन से दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 367, गाजियाबाद में 438, गुरुग्राम में 469, नोएडा में 423, ग्रेटर नोएडा में 372 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 144 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 224, चेन्नई में 124, चंडीगढ़ में 268, हैदराबाद में 123, जयपुर में 210 और पटना में 306 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन दस शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, कोयंबटूर, मदुरै, मैहर, नगांव, रामनाथपुरम, तंजावुर, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल रहे।

वहीं अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बारां, बारबिल, बरेली, बेलगाम, भिलाई, भीलवाड़ा, छाल, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, एलूर, गडग, गुवाहाटी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मंगलौर, मैसूर, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रायरंगपुर, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उडुपी, विजयवाड़ा आदि 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।