दिल्ली में लम्बे समय से प्रदूषण की समस्या चली आ रही है, जिससे निपटने के लिए अभी भी ठोस करवाई की दरकार है; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई  
वायु

वायु प्रदूषण में फिर पहले नंबर पर पहुंची दिल्ली, दुर्गापुर-बर्नीहाट में भी जानलेवा है हवा

देश के नौ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 57 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं

Lalit Maurya

बर्नीहाट को पीछे छोड़ प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली पहले स्थान पर पहुंच गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 355 दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि कल से दिल्ली के प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है।

वहीं कल बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई 402 दर्ज किया गया था।

प्रदूषण के मामले में आज दुर्गापुर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 313 दर्ज किया गया। इसी तरह कल पहले स्थान पर रहने वाला बर्नीहाट आज तीसरे स्थान पर बना हुआ है, जहां सूचकांक 303 दर्ज किया गया है। इन तीनों शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।

हालांकि कल से देखें तो देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक अररिया सहित देश के 36 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इन शहरों में अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, धनबाद, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हापुड, झुंझुनूं, कटिहार, लखनऊ, मंगुराहा, मेरठ, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पटना, राउरकेला, समस्तीपुर, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर शामिल हैं।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां हवा 'खराब' बनी हुई है। कल से देखें तो देश में फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 24 अंकों का सुधार आया है। राहत की बात यह है कि देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में नागपट्टिनम की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 20 रिकॉर्ड किया गया। नागपट्टिनम से तुलना करें दिल्ली में हवा 17 गुणा ज्यादा खराब है। नागपट्टिनम की तरह ही देश के 20 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में झांसी, मदिकेरी, मैहर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिलांग आदि शामिल हैं।

राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 67 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अगरतला सहित 62 शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।

देश में अजमेर सहित 86 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

 इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बांसवाड़ा, बारीपदा, बाड़मेर, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, छपरा, चित्तौड़गढ़, दौसा, दावनगेरे, देवास, धौलपुर, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जोधपुर, कलबुर्गी, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोरबा, कोटा, लातूर, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मिलुपारा, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नयागढ़, पाली, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सिरोही, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 25 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के नौ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 57 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के 34 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 01 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 221 में से महज 20 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 75 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 31 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 60 दर्ज किया गया।

86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (355) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 402 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में चार अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 355 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज झुंझुनूं चौथे स्थान पर है, वहीं दुर्गापुर (313) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (303) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 224, गाजियाबाद में 228, गुरुग्राम में 261, नोएडा में 220, ग्रेटर नोएडा में 234 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 88 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 210, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 220, हैदराबाद में 87, जयपुर में 160 और पटना में 261 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, चामराजनगर, चिकबलपुर, कुड्डालोर, झांसी, मदिकेरी, मैहर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिलांग, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बदलापुर, बारां, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, लुधियाना, मदुरै, मालेगांव, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, उज्जैन, वेल्लोर, यादगीर आदि 75 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

बर्नीहाट को पीछे छोड़ प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली पहले स्थान पर पहुंच गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 355 दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि कल से दिल्ली के प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है।

वहीं कल बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई 402 दर्ज किया गया था।

प्रदूषण के मामले में आज दुर्गापुर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 313 दर्ज किया गया। इसी तरह कल पहले स्थान पर रहने वाला बर्नीहाट आज तीसरे स्थान पर बना हुआ है, जहां सूचकांक 303 दर्ज किया गया है। इन तीनों शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।

हालांकि कल से देखें तो देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक अररिया सहित देश के 36 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इन शहरों में अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, धनबाद, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हापुड, झुंझुनूं, कटिहार, लखनऊ, मंगुराहा, मेरठ, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पटना, राउरकेला, समस्तीपुर, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर शामिल हैं।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां हवा 'खराब' बनी हुई है। कल से देखें तो देश में फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 24 अंकों का सुधार आया है। राहत की बात यह है कि देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में नागपट्टिनम की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 20 रिकॉर्ड किया गया। नागपट्टिनम से तुलना करें दिल्ली में हवा 17 गुणा ज्यादा खराब है। नागपट्टिनम की तरह ही देश के 20 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में झांसी, मदिकेरी, मैहर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिलांग आदि शामिल हैं।

राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 67 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अगरतला सहित 62 शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।

देश में अजमेर सहित 86 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

 इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बांसवाड़ा, बारीपदा, बाड़मेर, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, छपरा, चित्तौड़गढ़, दौसा, दावनगेरे, देवास, धौलपुर, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जोधपुर, कलबुर्गी, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोरबा, कोटा, लातूर, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मिलुपारा, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नयागढ़, पाली, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सिरोही, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 25 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के नौ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 57 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के 34 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 01 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 221 में से महज 20 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 75 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 31 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 60 दर्ज किया गया।

86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (355) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 402 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में चार अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 355 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज झुंझुनूं चौथे स्थान पर है, वहीं दुर्गापुर (313) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (303) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 224, गाजियाबाद में 228, गुरुग्राम में 261, नोएडा में 220, ग्रेटर नोएडा में 234 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 88 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 210, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 220, हैदराबाद में 87, जयपुर में 160 और पटना में 261 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, चामराजनगर, चिकबलपुर, कुड्डालोर, झांसी, मदिकेरी, मैहर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिलांग, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बदलापुर, बारां, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, लुधियाना, मदुरै, मालेगांव, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, उज्जैन, वेल्लोर, यादगीर आदि 75 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।