देश की राजधानी दिल्ली में अपने बच्चे के साथ फुटपाथ पर आराम करती बेघर महिला; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

दिल्ली में फिर बढ़ा प्रदूषण, 22 अंकों के उछाल के साथ 325 पर पहुंचा एक्यूआई

इस साल में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ रही हो। वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं था, जब हवा जहरीली न हो

Lalit Maurya

दिल्ली को अभी प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं आ रहे। ताजा रुझानों के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक बार फिर बढ़कर 325 पर पहुंच गया है। कल से तुलना करें तो दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों का उछाल आया है।

देखा जाए तो इस साल में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ रही हो। वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं था, जब हवा जहरीली न हो। कहीं न कहीं यह आंकड़े इस बात का साबुत हैं की दिल्लीवासी लाख जतन करने के बाद भी जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं, जो उन्हें हर दिन बीमार बना रहा है।

वहीं देश में प्रदूषण के मामले में बिहार शरीफ की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 348 दर्ज किया गया है। वहीं सिरसा भी इस मामले में ज्यादा पीछे नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 342 तक पहुंच गया। इसके बाद दिल्ली प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर रही। देखा जाए तो इन तीनों शहरों में हवा जहरीली बनी हुई है।

इसी तरह देश के छोटे बड़े 53 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है, जहां एक्यूआई 200 से 300 के बीच बना हुआ है।

इन शहरों में अमृतसर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, छपरा, कटक, धनबाद, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हावड़ा, जींद, कैथल, खुर्जा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राजगीर, रोहतक, समस्तीपुर, सासाराम, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, टोंक शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में दस फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 17 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बिहार शरीफ की तुलना आइजोल से करें तो स्थिति करीब 20 गुणा ज्यादा खराब है।

बता दें कि आइजोल की तरह ही देश के छोटे बड़े आठ अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में बागलकोट, चामराजनगर, कलबुर्गी, कोलार, मदिकेरी, शिलांग, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं। हालांकि यदि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 25 फीसदी की गिरावट आई है।

अकोला की तरह ही देश के छोटे बड़े 48 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नंदेसरी, प्रतापगढ़, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 135 शहरौं में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। यदि कल से तुलना करें तो देश में इन शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देवास, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फरीदाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, करूर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं।  

कुल मिलाकर देखें तो देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या चार फीसदी से भी कम रह गई। वहीं दूसरी तरफ देश के 77 फीसदी से ज्यादा शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक है। वहीं 19 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 248 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 55 दर्ज किया गया था। 135 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बिहार शरीफ (348) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल आसनसोल में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 344 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 325 पर पहुंच गया। इसका मतलब है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी 'बेहद खराब' बनी हुई है। इस महीने में पिछले 28 दिनों से लगातार दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

इस तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो कहीं न कहीं देश में प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली तीसरे स्थान पर है, वहीं बिहार शरीफ (348) पहले, जबकि सिरसा (342) दूसरे स्थान पर है।    

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 165, गाजियाबाद में 240, गुरुग्राम में 243, नोएडा में 233, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 276 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 133 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 227, चेन्नई में 134, चंडीगढ़ में 187, हैदराबाद में 103, जयपुर में 141 और पटना में 239 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, कलबुर्गी, कोलार, मदिकेरी, शिलांग, त्रिशूर, विजयपुरा  शामिल हैं।

वहीं अकोला, अमरावती, अमरावती, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुवाहाटी, इंदौर, कडपा, कन्नूर, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मैहर, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नंदेसरी, प्रतापगढ़, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 48 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

दिल्ली को अभी प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं आ रहे। ताजा रुझानों के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक बार फिर बढ़कर 325 पर पहुंच गया है। कल से तुलना करें तो दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों का उछाल आया है।

देखा जाए तो इस साल में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ रही हो। वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं था, जब हवा जहरीली न हो। कहीं न कहीं यह आंकड़े इस बात का साबुत हैं की दिल्लीवासी लाख जतन करने के बाद भी जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं, जो उन्हें हर दिन बीमार बना रहा है।

वहीं देश में प्रदूषण के मामले में बिहार शरीफ की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 348 दर्ज किया गया है। वहीं सिरसा भी इस मामले में ज्यादा पीछे नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 342 तक पहुंच गया। इसके बाद दिल्ली प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर रही। देखा जाए तो इन तीनों शहरों में हवा जहरीली बनी हुई है।

इसी तरह देश के छोटे बड़े 53 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है, जहां एक्यूआई 200 से 300 के बीच बना हुआ है।

इन शहरों में अमृतसर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, छपरा, कटक, धनबाद, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हावड़ा, जींद, कैथल, खुर्जा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राजगीर, रोहतक, समस्तीपुर, सासाराम, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, टोंक शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में दस फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 17 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बिहार शरीफ की तुलना आइजोल से करें तो स्थिति करीब 20 गुणा ज्यादा खराब है।

बता दें कि आइजोल की तरह ही देश के छोटे बड़े आठ अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में बागलकोट, चामराजनगर, कलबुर्गी, कोलार, मदिकेरी, शिलांग, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं। हालांकि यदि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 25 फीसदी की गिरावट आई है।

अकोला की तरह ही देश के छोटे बड़े 48 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नंदेसरी, प्रतापगढ़, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 135 शहरौं में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। यदि कल से तुलना करें तो देश में इन शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देवास, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फरीदाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, करूर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं।  

कुल मिलाकर देखें तो देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या चार फीसदी से भी कम रह गई। वहीं दूसरी तरफ देश के 77 फीसदी से ज्यादा शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक है। वहीं 19 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 248 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 55 दर्ज किया गया था। 135 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बिहार शरीफ (348) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल आसनसोल में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 344 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 325 पर पहुंच गया। इसका मतलब है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी 'बेहद खराब' बनी हुई है। इस महीने में पिछले 28 दिनों से लगातार दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

इस तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो कहीं न कहीं देश में प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली तीसरे स्थान पर है, वहीं बिहार शरीफ (348) पहले, जबकि सिरसा (342) दूसरे स्थान पर है।    

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 165, गाजियाबाद में 240, गुरुग्राम में 243, नोएडा में 233, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 276 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 133 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 227, चेन्नई में 134, चंडीगढ़ में 187, हैदराबाद में 103, जयपुर में 141 और पटना में 239 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, कलबुर्गी, कोलार, मदिकेरी, शिलांग, त्रिशूर, विजयपुरा  शामिल हैं।

वहीं अकोला, अमरावती, अमरावती, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुवाहाटी, इंदौर, कडपा, कन्नूर, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मैहर, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नंदेसरी, प्रतापगढ़, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 48 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।