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वायु

बारिश के साथ दिल्ली-फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में आया और सुधार, प्रदूषण में अव्वल रहा श्रीगंगानगर

Lalit Maurya

दिल्ली-फरीदाबाद में बारिश के बाद प्रदूषण में गिरावट देखी गई है। फरीदाबाद में तो सात अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहतर स्तर पर पहुंच गया है। मतलब की फरीदाबाद उन शहरों में शामिल हो गया, जहां वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इसी तरह राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सात अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही दिल्ली की हवा संतोषजनक बनी हुई है। गौरतलब है कि दिल्ली में एक्यूआई का स्तर 64 रिकॉर्ड किया गया है।

दिल्ली की तरह ही देश के 116 अन्य शहरों में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक रहा। इन शहरों में कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मानेसर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नारनौल, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत आदि शहर शामिल थे।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 18 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं देश में साफ हवा वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो विरुधुनगर में प्रदूषण सबसे कम रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 18 दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ आज भी श्रीगंगानगर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां एक्यूआई बढ़कर 270 तक पहुंच गया है। मतलब की यदि विरुधुनगर से तुलना करें तो श्रीगंगानगर में प्रदूषण का स्तर 33 गुणा ज्यादा है।

आंकड़ों के मुताबिक श्रीगंगानगर की तरह ही देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में मंडी गोबिंदगढ़, जलना, जैसलमेर, दुर्गापुर, आसनसोल, हनुमानगढ़, बिलीपाड़ा, जालौर, बेतिया शामिल थे।

विरुधुनगर की तरह ही देश के 102 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। हालांकि कल से देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 24 फीसदी की गिरावट आई है।

देश में हसन, हावेरी, इंदौर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करनाल, कारवार, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पलवल, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। वहीं कल की तुलना में इन शहरों की संख्या में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि देश में आसनसोल, बद्दी, बेतिया, बिलीपाड़ा, दुर्गापुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जलना, जालौर, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, रायचुर, तालचेर, विशाखापत्तनम आदि शहरों में वायु गुणवत्ता मधयम स्तर पर बनी हुई है।

कुल मिलकर कहें तो देश के करीब 44 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर रिकॉर्ड किया गया। करीब 50 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि छह फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 235 में से 103 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 117 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था। 14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (270) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (64) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 7 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 46, गाजियाबाद में 66, गुरुग्राम में 77, नोएडा में 60, ग्रेटर नोएडा में 79 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 43 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 56, चेन्नई में 58, चंडीगढ़ में 96, हैदराबाद में 56, जयपुर में 64 और पटना में 84 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 103 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बरेली, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धुले, डिंडीगुल, फरीदाबाद, गडग, गंगटोक, ग्वालियर, हापुड, हसन, हावेरी, इंदौर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करनाल, कारवार, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पलवल, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, शिलांग, सीकर, सिलीगुड़ी, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अम्बाला, अमृतसर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मानेसर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नारनौल, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विरार आदि 117 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।