देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)  
वायु

सूरत-हापुड़ सहित 24 शहरों में दमघोंटू हैं हालात, सुधार के बावजूद दिल्ली में 'खराब' है वायु गुणवत्ता

दिल्ली में कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, हालांकि इसके बावजूद वायु गुणवत्ता 'दमघोंटू' बनी हुई है

Lalit Maurya

देश में बढ़ते प्रदूषण से सूरत में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 तक पहुंच गया है। इसी तरह हापुड (259) और गाजियाबाद (256) में भी प्रदूषण से स्थित 'खराब' बनी हुई है।

कुछ ऐसी ही स्थिति दिल्ली में भी है, जहां कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, हालांकि इसके बावजूद वायु गुणवत्ता 'दमघोंटू' बनी हुई है। बता दें कि दिल्ली में कल से प्रदूषण के स्तर में 15 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 255 तक पहुंच गया।

इसी तरह अहमदाबाद, अमृतसर, बद्दी, बागपत, बीकानेर, बुलन्दशहर, चुरू, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, जयपुर, जलना, जींद, कैथल, करनाल, खुर्जा, मेरठ, नागौर, नोएडा, सोनीपत, सूरत, टोंक में भी प्रदूषण के चलते हवा 'खराब' बनी हुई है।

मतलब की इन शहरों की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

दूसरी तरफ देश में एक बार फिर पालकलाईपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 17 दर्ज किया गया। पालकलाईपेरुर की तरह ही 59 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में प्रयागराज, पूर्णिया, रामनाथपुरम, सहरसा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सुआकाती, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, तुमिडीह, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं। वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्त्ता वाले शहरों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और उनकी गिनती जस की तस बनी हुई है।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सूरत की तुलना पालकलाईपेरुर से करें तो वहां प्रदूषण से स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में 78 शहरों की वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में हावड़ा, हुबली, जबलपुर, झांसी, कडपा, कानपुर, काशीपुर, कटनी, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, ऊटी, पलवल, पटियाला, पटना, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में 35 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद की बात करें तो वहां प्रदूषण में 17 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 170 तक पहुंच गया। कुछ ऐसी ही स्थिति देश के 100 अन्य शहरों में भी बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम स्तर पर बना हुआ है।

इन शहरों में आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अम्बाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीदर, बोईसर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, देवास, धारूहेड़ा, धौलपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हावेरी, हिसार, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, ठाणे, तिरुपति, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि शहर शामिल थे।

हालांकि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में एक फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर कहें तो कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है। इसकी वजह से देश के 23 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। वहीं करीब 30 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि करीब 48 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 263 में से 60 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 78 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 58 दर्ज किया गया था। 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में सूरत (281) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल हनुमानगढ़ (277) में स्थिति सबसे खराब थी। इसी तरह हापुड (259) और गाजियाबाद (256) में भी स्थिति जानलेवा बनी हुई है। गौरतलब है कि दिल्ली में स्थिति दमघोंटू बनी हुई है, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 अंकों की गिरावट के साथ 255 तक पहुंच गया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 170, गाजियाबाद में 256, गुरुग्राम में 146, नोएडा में 209, ग्रेटर नोएडा में 232 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 112 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 77, चेन्नई में 92, चंडीगढ़ में 160, हैदराबाद में 102, जयपुर में 203 और पटना में 64 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 60 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अररिया, अरियालूर, आरा, आसनसोल, बागलकोट, बारबिल, बारीपदा, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, छाल, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, डिंडीगुल, गया, गुवाहाटी, हल्दिया, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मोतिहारी, मुंगेर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, प्रयागराज, पूर्णिया, रामनाथपुरम, सहरसा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सुआकाती, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, तुमिडीह, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंगुल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बक्सर, बर्नीहाट, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चिक्कामगलुरु, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हाजीपुर, हसन, हावड़ा, हुबली, जबलपुर, झांसी, कडपा, कानपुर, काशीपुर, कटनी, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, ऊटी, पलवल, पटियाला, पटना, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सलेम, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, तालचेर, तिरुपुर, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 78 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। 

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।