प्रदूषण के मामले में आज भी बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, हालांकि कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार जरूर आया है, लेकिन इसके बावजूद एक्यूआई अभी भी 339 पर बना हुआ है। इसी तरह दिल्ली में भी 54 अंकों की गिरावट के बावजूद वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।
ताजा रुझानों के मुताबिक अहमदाबाद सहित देश के छोटे-बड़े 30 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, बैरकपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, चुरू, फरीदाबाद, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, जयपुर, जालौर, झुंझुनूं, कुंजेमुरा, मंडीदीप, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, पाली, पंचकुला, पिंपरी-चिंचवाड, सीकर, सिरोही, तालचेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि देश में मदिकेरी की तरह ही 24 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।
इन शहरों में प्रयागराज, रामनगर, ऋषिकेश, शिवमोगा, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वाराणसी आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 108 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 58 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इनमें कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोरबा, लुधियाना, मंगलौर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नयागढ़, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रायरंगपुर, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, सिलचर, शिवसागर, श्री गंगानगर आदि शहर शामिल हैं।
हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 26 फीसदी की गिरावट आई है।
फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 30 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 242 पर पहुंच गया। हालांकि इस गिरावट के बावजूद फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता अभी भी 'खराब' बनी हुई है।
ताजा रुझानों के अनुसार देश के 119 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
इन शहरों में अगरतला, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छपरा, कटक, दौसा, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लातूर, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, परभनी, पटना, पीथमपुर, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विरार, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है।
देश में जहां करीब 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 64 फीसदी से ज्यादा शहरों में बढ़ते प्रदूषण से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह करीब 25 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से महज 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 58 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 78 दर्ज किया गया।
119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (339) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 395 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली के प्रदूषण के स्तर में 54 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 314 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘बेहद खराब’ बनी हुई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सीकर चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (314) दूसरे, जबकि चुरू (287) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 242, गाजियाबाद में 186, गुरुग्राम में 240, नोएडा में 177, ग्रेटर नोएडा में 190 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 149 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 142, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 232, हैदराबाद में 107, जयपुर में 229 और पटना में 179 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, हसन, हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मैसूर, ऊटी, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, रामनगर, ऋषिकेश, शिवमोगा, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वाराणसी शामिल हैं।
वहीं आगरा, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बांसवाड़ा, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, कुड्डालोर, देहरादून, देवास, धारवाड़, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, जबलपुर, जालंधर, झांसी, कडपा, कन्नूर, कानपुर, कारवार, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोरबा, लुधियाना, मंगलौर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नयागढ़, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रायरंगपुर, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, सिलचर, शिवसागर, श्री गंगानगर, सुआकाती, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उडुपी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 58 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।