देश में प्रदूषण के समीकरण हर दिन बदल रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक जहां दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। वहीं मेघालय के शहर बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 401 पर पहुंच गया है। कल (20 मार्च 2025) की तुलना में देखें तो इसमें 77 अंकों का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच गई है।
प्रदूषण के मामले में आज नलबाड़ी (267) दूसरे, जबकि तिरुवनंतपुरम (258) तीसरे स्थान पर रहा। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। गुवाहाटी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो प्रदूषण के मामले में आज चौथे स्थान पर है।
गाजियाबाद (216) और शिलांग (203) में भी वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है, जो आज प्रदूषण के मामले में पांचवें और छठे स्थान पर हैं। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हाजीपुर, सिलीगुड़ी, समस्तीपुर, कोहिमा शामिल हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में करीब 38 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में कांचीपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 19 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना कांचीपुरम से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।
कांचीपुरम की तरह ही देश के 35 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, सलेम, सिलचर, सूरत, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उज्जैन, वेल्लोर, विरुधुनगर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में 12 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही सूचकांक 144 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बना हुआ है।
दिल्ली की तरह ही 71 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में ग्वालियर, हाजीपुर, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, काशीपुर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नाहरलगुन, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पटना, परी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। वहां मामूली इजाफे के साथ सूचकांक बढ़कर 75 पर पहुंच गया। हालांकि वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 114 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हापुड, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, कलबुर्गी, कानपुर, करूर, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां 16 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 50 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है, जबकि दूसरी तरफ 34 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 229 में से महज 36 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया।
72 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (401) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। कल भी बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 324 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 12 अंकों के सुधार के साथ 144 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘मध्यम’ स्तर पर बनी हुई है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुवाहाटी चौथे स्थान पर है, वहीं नलबाड़ी (267) दूसरे, जबकि तिरुवनंतपुरम (258) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 75, गाजियाबाद में 216, गुरुग्राम में 165, नोएडा में 92, ग्रेटर नोएडा में 97 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 86 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 95, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 78, हैदराबाद में 74, जयपुर में 106 और पटना में 114 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 36 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, अंकलेश्वर, बठिंडा, भुवनेश्वर, बीदर, चेन्नई, कोयंबटूर, कुड्डालोर, डिंडीगुल, गडग, हुबली, झांसी, कडपा, कांचीपुरम, कटिहार, मदुरै, मैहर, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, सलेम, सिलचर, सूरत, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उज्जैन, वेल्लोर, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अररिया, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हापुड, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, कलबुर्गी, कानपुर, करूर, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नोएडा, पटियाला, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायपुर, रामनगर, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सतना, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 115 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।