वायु

बदले हालात: देश में सुधरी हवा, साफ हवा वाले शहरों में हुआ 17 फीसदी का इजाफा

देश में जहां बूंदी की हवा सबसे खराब है, वहीं दूसरी तरफ श्री विजया पुरम की हवा सबसे साफ बनी हुई है, जहां एक्यूआई 31 दर्ज किया गया है

Lalit Maurya

भारत में कल से बढ़ते प्रदूषण में कुछ राहत मिली है। इसके साथ ही देश के कई शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है। हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बूंदी की हवा खराब बनी हुई है, जो आज प्रदूषण के मामले में अव्वल है।

बता दें बूंदी, राजस्थान का एक शहर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 245 दर्ज किया गया है। इसी तरह मेघालय का बर्नीहाट दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 243 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि आज देश के महज दो शहरों में हवा खराब है।

वहीं कल इन शहरों की गिनती पांच दर्ज की गई थी। मतलब की कल से इन शहरों की गिनती में 60 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में बारां तीसरे जबकि, चंद्रपुर चौथे स्थान पर है। इन दोनों शहरों में एक्यूआई 166 दर्ज किया गया।

वहीं राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दो अंकों के इजाफे के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 166 पर पहुंच गया।

वहीं दूसरी तरफ श्री विजया पुरम में हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 31 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बूंदी की तुलना श्री विजया पुरम से करें तो  वहां स्थिति सात गुणा खराब है।

श्री विजया पुरम की तरह ही देश के 33 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों  में कांचीपुरम, काशीपुर, कोलकाता, मीरा-भायंदर, नागपट्टिनम, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सांगली, सिलचर, सिलीगुड़ी, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली आदि शहर शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है।

देश में अगरतला सहित 139 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में लखनऊ, मदुरै, महाड, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रानीपेट, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 19 फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में अहमदाबाद सहित 48 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में भोपाल, बिलीपाड़ा, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, करौली, कटनी, क्योंझर, कोटा, कुंजेमुरा, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, नंदेसरी, पाली, पंचगांव, पीथमपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला आदि शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो जहां देश के 15 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 62 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। अच्छी खबर यह है कि दूसरी तरफ जिन शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है, उनकी संख्या घटकर 22 फीसदी पहुंच गई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 223 में से महज 34 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 139 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 117 दर्ज किया गया था।

48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बूंदी (245) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। वहीं कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 305 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां दो अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 166 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चंद्रपुर चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (243) दूसरे, जबकि बारां (166) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 146, गाजियाबाद में 98, गुवाहाटी में 137, हापुड में 69, नोएडा में 95, ग्रेटर नोएडा में 87 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 61 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 87, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 73, हैदराबाद में 94, जयपुर में 146 और पटना में 97 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देशके जिन 34 शहरों मेंवायुगुणवत्तासूचकांक 50 याउससेनीचेयानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अररिया, बागलकोट, चामराजनगर, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, गडग, हल्दिया, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, काशीपुर, कोलकाता, मीरा-भायंदर, नागपट्टिनम, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सांगली, सिलचर, सिलीगुड़ी, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वापी, विरार शामिलहैं।

वहीं बागपत, बालासोर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कटक, दमोह, देवास, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लखनऊ, मदुरै, महाड, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रानीपेट, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिरोही, शिवसागर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 139 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।