देश में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही साफ हवा वाले शहरों का आंकड़ा बढ़कर करीब 60 फीसदी पर पहुंच गया है। वहीं करीब 37 फीसदी शहरों में हवा संतोषजनक है।
दूसरी तरफ आज देश के तीन फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है। आंकड़ों के मुताबिक आज देश में महाराष्ट्र के अमरावती की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्त्ता सूचकांक 20 दर्ज किया गया है।
आज देश के जिन 123 शहरों में हवा साफ है उनमें बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देवास, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गडग, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर आदि शहर शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 26 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में नंदेसरी की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 176 दर्ज किया गया है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी वायु गुणवत्ता मानकों के लिहाज से भी देखें तो नंदेसरी में प्रदूषण का स्तर 1,000 फीसदी अधिक है। वहीं दूसरी तरफ देश के सबसे साफ हवा वाले शहर अमरावती से तुलना करें तो नंदेसरी में प्रदूषण का स्तर आठ गुणा अधिक है।
नंदेसरी की तरह ही प्रदूषण के मामले में आज राजस्थान का श्रीगंगानगर शहर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 172 दर्ज किया गया है। बता दें कि कल ग्रेटर नोएडा में स्थिति सबसे खराब थी। वहीं आज वो 148 अंकों के साथ तीसरे पायदान पर है।
मतलब की कल से वहां प्रदूषण के स्तर में 92 अंकों की गिरावट आई है। इसी तरह गाजियाबाद (108) चौथे जबकि बद्दी (107) पांचवें स्थान पर है। आंकड़ों से पता चला है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में लुधियाना (107) और चुरू (104) भी शामिल हैं।
आज देश में जहां नंदेसरी, श्रीगंगानगर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा, बद्दी, लुधियाना, चुरू आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डाले तो कल से प्रदूषण में 52 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 84 पर पहुंच गया। दिल्ली की तरह ही आज देश के छोटे बड़े 76 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।
इन शहरों में हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पीथमपुर, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिरोही आदि शामिल हैं। चिंता की बात है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी की गिरावट आई है।
देश में बद्दी सहित सात शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई है। इन शहरों में बद्दी, चुरू, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, लुधियाना, नंदेसरी, श्रीगंगानगर शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनमें करीब 42 फीसदी की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 206 में से 123 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 76 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 25 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया था।
7 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (176) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 180 के करीब पहुंच गया। कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 240 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 52 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 84 पर पहुंच गया। इसके साथ ही आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारकर मध्यम से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गया है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं श्रीगंगानगर (172) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (148) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 65, गाजियाबाद में 108, गुवाहाटी में 41, हापुड में 59, नोएडा में 82, ग्रेटर नोएडा में 148 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 82, चंडीगढ़ में 68, हैदराबाद में 61, जयपुर में 88 और पटना में 47 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 123 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अररिया, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देवास, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गडग, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झांसी, जोरापोखर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पटना, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंगुल, अंकलेश्वर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दौसा, दिल्ली, धनबाद, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पीथमपुर, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिरोही, तिरुचिरापल्ली, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 76 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।