देश में बढ़ता प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा। हालात यह हैं कि बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 316 तक पहुंच गया है। इसी तरह दुर्गापुर में भी एक्यूआई 304 दर्ज किया गया है।
प्रदूषण में दिल्ली भी ज्यादा पीछे नहीं है जो आज देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां 69 अंकों के भारी उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया है। गौरतलब है कि आज सुबह दिल्ली के 13 इलाकों में हवा जहरीली बनी हुई थी।
आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में शादीपुर की हवा सबसे ज्यादा दूषित थी, जहां सुबह एक्यूआई 360 रिकॉर्ड किया गया था। इसी तरह नेहरू नगर में भी एक्यूआई 347 तक पहुंच गया। वहीं आनंद विहार में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं थी, जहां सूचकांक 346 दर्ज किया गया था।
इसी तरह देश के छोटे बड़े 34 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। इन शहरों में अगरतला, आसनसोल, बहादुरगढ़, बालासोर, बैरकपुर, बेगूसराय, भिवाड़ी, बिहार शरीफ, बक्सर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावड़ा, कटिहार, लखनऊ, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, रोहतक, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोनीपत शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 113 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में थूथुकुड़ी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 25 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना थूथुकुड़ी से करें तो स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।
थूथुकुड़ी की तरह ही देश के 30 अन्य शहरों में वायु गुणवत्त का स्तर 'बेहतर' रिकॉर्ड किया गया। इन शहरों में पुदुचेरी, रामानगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुड़ी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, विजयपुरा शामिल हैं। चिंता की बात यह रही कि देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में कल से 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में मदुरै, मैहर, मैसूर, नासिक, ऊटी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर आदि शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में मामूली इजाफा हुआ है।
फरीदाबाद की बात करें तो दिल्ली के उलट कल से वहां प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां सूचकांक 53 अंक गिरकर 146 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 107 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अम्बाला, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दमोह, दौसा, देवास, धनबाद, धारूहेड़ा, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हिसार, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नंदेसरी, नारनौल, नवी मुंबई, पाली, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सीकर, सिलीगुड़ी, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के 12 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 57 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इनके इतर देश के 31 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा संतोषजनक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 256 में से महज 31 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 दिसंबर को यह आंकड़ा 79 दर्ज किया गया था। 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (316) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 316 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 69 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता बढ़कर 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। मतलब की दिल्ली में एक बार फिर हवा जहरीली हो गई है।
वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को बेहद बीमार बना सकता है। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज आसनसोल चौथे स्थान पर है, वहीं दुर्गापुर (304) दूसरे, जबकि दिल्ली (302) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 146, गाजियाबाद में 233, गुरुग्राम में 232, नोएडा में 228, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 236 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 125 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 211, चेन्नई में 49, चंडीगढ़ में 179, हैदराबाद में 67, जयपुर में 116 और पटना में 266 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, बेलगाम, बीदर, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, गडग, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, कोप्पल, कोरबा,
मदिकेरी, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामानगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुड़ी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, करनाल, करूर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोलार, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, मैहर, मैसूर, नासिक, ऊटी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर, आदि 80 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश में बढ़ता प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा। हालात यह हैं कि बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 316 तक पहुंच गया है। इसी तरह दुर्गापुर में भी एक्यूआई 304 दर्ज किया गया है।
प्रदूषण में दिल्ली भी ज्यादा पीछे नहीं है जो आज देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां 69 अंकों के भारी उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया है। गौरतलब है कि आज सुबह दिल्ली के 13 इलाकों में हवा जहरीली बनी हुई थी।
आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में शादीपुर की हवा सबसे ज्यादा दूषित थी, जहां सुबह एक्यूआई 360 रिकॉर्ड किया गया था। इसी तरह नेहरू नगर में भी एक्यूआई 347 तक पहुंच गया। वहीं आनंद विहार में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं थी, जहां सूचकांक 346 दर्ज किया गया था।
इसी तरह देश के छोटे बड़े 34 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। इन शहरों में अगरतला, आसनसोल, बहादुरगढ़, बालासोर, बैरकपुर, बेगूसराय, भिवाड़ी, बिहार शरीफ, बक्सर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावड़ा, कटिहार, लखनऊ, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, रोहतक, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोनीपत शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 113 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में थूथुकुड़ी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 25 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना थूथुकुड़ी से करें तो स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।
थूथुकुड़ी की तरह ही देश के 30 अन्य शहरों में वायु गुणवत्त का स्तर 'बेहतर' रिकॉर्ड किया गया। इन शहरों में पुदुचेरी, रामानगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुड़ी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, विजयपुरा शामिल हैं। चिंता की बात यह रही कि देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में कल से 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में मदुरै, मैहर, मैसूर, नासिक, ऊटी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर आदि शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में मामूली इजाफा हुआ है।
फरीदाबाद की बात करें तो दिल्ली के उलट कल से वहां प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां सूचकांक 53 अंक गिरकर 146 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 107 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अम्बाला, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दमोह, दौसा, देवास, धनबाद, धारूहेड़ा, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हिसार, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नंदेसरी, नारनौल, नवी मुंबई, पाली, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सीकर, सिलीगुड़ी, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के 12 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 57 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इनके इतर देश के 31 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा संतोषजनक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 256 में से महज 31 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 दिसंबर को यह आंकड़ा 79 दर्ज किया गया था। 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (316) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 316 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 69 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता बढ़कर 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। मतलब की दिल्ली में एक बार फिर हवा जहरीली हो गई है।
वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को बेहद बीमार बना सकता है। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज आसनसोल चौथे स्थान पर है, वहीं दुर्गापुर (304) दूसरे, जबकि दिल्ली (302) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 146, गाजियाबाद में 233, गुरुग्राम में 232, नोएडा में 228, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 236 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 125 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 211, चेन्नई में 49, चंडीगढ़ में 179, हैदराबाद में 67, जयपुर में 116 और पटना में 266 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, बेलगाम, बीदर, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, गडग, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, कोप्पल, कोरबा,
मदिकेरी, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामानगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुड़ी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, करनाल, करूर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोलार, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, मैहर, मैसूर, नासिक, ऊटी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर, आदि 80 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।