देश में मेघालय का बर्नीहाट सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 365 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की वहां की फिजा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 336 रिकॉर्ड किया गया है। गौरतलब है कि कल दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 369 रिकॉर्ड किया गया था।
इसी तरह देश के छोटे बड़े सात अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब बना हुआ है।
इन शहरों में सिरोही, बूंदी, देवास, जालौर, पाली, हाजीपुर और बिहार शरीफ शामिल हैं। हालांकि राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
ताजा रुझानों के मुताबिक अगरतला में वायु गुणवत्ता सूचकांक 216 दर्ज किया गया। अगरतला की तरह ही देश के छोटे बड़े 52 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है, जहां एक्यूआई 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई, उनमें अगरतला, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, भीलवाड़ा, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, धनबाद, डूंगरपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कटिहार, कोटा, महाड, मंडीदीप, नागौर, नोएडा, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायरंगपुर, रतलाम, सागर, सहरसा, सासाराम, सीकर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, टोंक, उदयपुर, वापी शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 15 गुना ज्यादा खराब है।
आइजोल की तरह ही देश के 21 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कारवार, कोप्पल, मदिकेरी, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, ऋषिकेश, त्रिशूर, वाराणसी, विजयपुरा आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 63 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।
इनमें कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, नाहरलगुन, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाला शहरों की गिनती में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 15 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 190 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब से सुधरकर मध्यम स्तर पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 83 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, कटक, दमोह, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंफाल, इंदौर, जलगांव, झांसी, कल्याण, करौली, कटनी, खुर्जा, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, राजगीर, राजसमंद, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तुमकुरु, तुमिडीह, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विरार, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
कल से तुलना करें तो देश में आज देश के कई शहरों में प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही देश के करीब दस फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ करीब 63 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ देश के करीब 28 फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 229 में से महज 22 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 63 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 दिसंबर को यह आंकड़ा 74 दर्ज किया गया था।
83 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (365) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 380 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 369 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 33 अंकों की गिरावट आई है। इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज भी ‘बेहद खराब’ बना हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज बूंदी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (336) दूसरे, जबकि सिरोही (327) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 190, गाजियाबाद में 229, गुरुग्राम में 249, नोएडा में 225, ग्रेटर नोएडा में 222 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 186 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 135, चेन्नई में 44, चंडीगढ़ में 190, हैदराबाद में 74, जयपुर में 272 और पटना में 279 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 22 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमरावती, अनंतपुर, बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कारवार, कोप्पल, मदिकेरी, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, ऋषिकेश, त्रिशूर, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंद्रपुर, छाल, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हसन, हैदराबाद, जबलपुर, जालंधर, जलना, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, नाहरलगुन, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, उडुपी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 63 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।