प्रतीकात्मक तस्वीर: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट 
वायु

प्रदूषण में अव्वल बर्नीहाट-जैसलमेर, साफ हवा वाले शहरों में आई गिरावट

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में राजधानी दिल्ली चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 180 दर्ज किया गया है। कल से देखें तो वहां की वायु गुणवत्ता में 35 अंकों का उछाल आया है

Lalit Maurya

देश के ज्यादातर शहरों में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि अभी भी 29 फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 03 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक आज देश में मेघालय के बर्नीहाट शहर की स्थिति सबसे खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 214 दर्ज किया गया।

कल बर्नीहाट में एक्यूआई 237 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की कल से वहां प्रदूषण में गिरावट आई है।

कल राजस्थान के बीकानेर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब सूचकांक 356 दर्ज किया गया। हालांकि कल से बीकानेर की वायु गुणवत्ता में 259 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है।

इसी तरह आज देश में जैसलमेर दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है, जब एक्यूआई 209 दर्ज किया गया। इसी तरह 193 अंकों के साथ नागौर तीसरे स्थान पर है, जहां कल से प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में राजधानी दिल्ली चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 180 दर्ज किया गया है। कल से देखें तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 35 अंकों का उछाल आया है। आंकड़ों से पता चला है कि बर्नीहाट और जैसलमेर की हवा में प्रदूषण के महीन कणों (पीएम2.5) हावी रहे। वहीं नागौर, दिल्ली और पाली में पीएम10 का बोलबाला रहा।

पाली (174) पांचवें, जबकि सिंगरौली (170) छठे स्थान पर है। वहीं श्री गंगानगर (167) सातवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बुलन्दशहर, कोटा और परभनी शामिल हैं।

रुझानों पर नजर डालें तो आज देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था, जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो, लेकिन कल इन शहरों की संख्या तीन दर्ज की गई थी। इसी तरह आज देश के दो शहरों में हवा खराब है। राहत की बात यह है कि कल से खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 67 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं इन शहरों के विपरीत आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां सूचकांक 16 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना आइजोल से करें तो स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के 34 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में अमरावती (आंध्रप्रदेश), बागलकोट, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, हल्दिया, हुबली, कडपा, मदिकेरी, मीरा-भायंदर, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सिलचर आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 21 फीसदी की गिरावट आई है। आंकड़ों से पता चला है कि देश में अहमदनगर सहित 124 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी आदि शामिल हैं। कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में बाड़मेर सहित छोटे बड़े 64 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में चुरू, दौसा, दिल्ली, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, कानपुर, करौली, कटनी, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप आदि शहर शामिल हैं।

इसी तरह देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 23 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 16 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 55 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि दूसरी तरफ 29 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से 35 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 124 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 मई 2025 को यह आंकड़ा 119 दर्ज किया गया था।

64 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (214) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल बीकानेर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 356 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 35 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 180 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं जैसलमेर (209) दूसरे, जबकि नागौर (193) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 139, गुवाहाटी में 75, गुरूग्राम में 91, नोएडा में 136, ग्रेटर नोएडा में 136 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 139, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 81, हैदराबाद में 73, जयपुर में 90 और पटना में 126 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , बागलकोट, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, हल्दिया, हुबली, कडपा, मदिकेरी, मीरा-भायंदर, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सिलचर, शिवसागर, सूरत, तालचेर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 124 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश के ज्यादातर शहरों में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि अभी भी 29 फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 03 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक आज देश में मेघालय के बर्नीहाट शहर की स्थिति सबसे खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 214 दर्ज किया गया।

कल बर्नीहाट में एक्यूआई 237 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की कल से वहां प्रदूषण में गिरावट आई है।

कल राजस्थान के बीकानेर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब सूचकांक 356 दर्ज किया गया। हालांकि कल से बीकानेर की वायु गुणवत्ता में 259 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है।

इसी तरह आज देश में जैसलमेर दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है, जब एक्यूआई 209 दर्ज किया गया। इसी तरह 193 अंकों के साथ नागौर तीसरे स्थान पर है, जहां कल से प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में राजधानी दिल्ली चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 180 दर्ज किया गया है। कल से देखें तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 35 अंकों का उछाल आया है। आंकड़ों से पता चला है कि बर्नीहाट और जैसलमेर की हवा में प्रदूषण के महीन कणों (पीएम2.5) हावी रहे। वहीं नागौर, दिल्ली और पाली में पीएम10 का बोलबाला रहा।

पाली (174) पांचवें, जबकि सिंगरौली (170) छठे स्थान पर है। वहीं श्री गंगानगर (167) सातवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बुलन्दशहर, कोटा और परभनी शामिल हैं।

रुझानों पर नजर डालें तो आज देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था, जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो, लेकिन कल इन शहरों की संख्या तीन दर्ज की गई थी। इसी तरह आज देश के दो शहरों में हवा खराब है। राहत की बात यह है कि कल से खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 67 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं इन शहरों के विपरीत आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां सूचकांक 16 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना आइजोल से करें तो स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के 34 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में अमरावती (आंध्रप्रदेश), बागलकोट, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, हल्दिया, हुबली, कडपा, मदिकेरी, मीरा-भायंदर, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सिलचर आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 21 फीसदी की गिरावट आई है। आंकड़ों से पता चला है कि देश में अहमदनगर सहित 124 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी आदि शामिल हैं। कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में बाड़मेर सहित छोटे बड़े 64 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में चुरू, दौसा, दिल्ली, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, कानपुर, करौली, कटनी, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप आदि शहर शामिल हैं।

इसी तरह देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 23 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 16 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 55 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि दूसरी तरफ 29 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से 35 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 124 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 मई 2025 को यह आंकड़ा 119 दर्ज किया गया था।

64 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (214) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल बीकानेर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 356 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 35 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 180 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं जैसलमेर (209) दूसरे, जबकि नागौर (193) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 139, गुवाहाटी में 75, गुरूग्राम में 91, नोएडा में 136, ग्रेटर नोएडा में 136 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 139, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 81, हैदराबाद में 73, जयपुर में 90 और पटना में 126 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , बागलकोट, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, हल्दिया, हुबली, कडपा, मदिकेरी, मीरा-भायंदर, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सिलचर, शिवसागर, सूरत, तालचेर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 124 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।