सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई  
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जहरबुझी दिल्ली की हवा: कल से थोड़ी राहत में हैं राजधानी वासी, जानें देश के प्रमुख शहरों का हाल

राहत की बात यह रही कि देश में कल से 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है

Lalit Maurya

देश में बड़े शहरों को पीछे छोड़ बर्नीहाट-हाजीपुर जैसे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। बर्नीहाट में तो आलम यह है कि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 276 तक पहुंच गया है। इसी तरह हाजीपुर (271), सोनीपत (270), दिल्ली (268), गुरूग्राम (243), और मुजफ्फरपुर (236) में भी स्थिति 'खराब' बनी हुई है।

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 36 अंकों की गिरावट जरूर आई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर दमघोंटू बना हुआ है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली चौथे स्थान पर है।

इसी तरह देश में भिवानी, गाजियाबाद, पटना, कैथल, पूर्णिया, सूरत, बहादुरगढ़, बीकानेर, नोएडा, जींद, खुर्जा, टोंक, ग्रेटर नोएडा, महाड, बागपत और चुरू में भी वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है।

हालांकि राहत की बात यह रही कि देश में कल से 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं आज देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब नहीं रहा।

वहीं दूसरी तरफ देश में रामनाथपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वहां वायु गुणवत्ता करीब नौ गुणा ज्यादा खराब है। रामनाथपुरम की तरह ही देश के छोटे बड़े 21 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, नगांव, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, रामनाथपुरम, शिलांग आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 28 फीसदी की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 90 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। हालांकि कल इन शहरों की संख्या 80 दर्ज की गई थी। मतलब की कल से इन शहरों की संख्या में करीब 13 फीसदी की वृद्धि हुई है।

बता दें कि देश में प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, शिवसागर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां कल से प्रदूषण में भारी गिरावट आई है। जहां 40 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 पर पहुंच गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 122 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, देवास, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हावेरी, हिसार, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायचुर, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, ठाणे, तिरुपति, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, यमुनानगर शामिल थे।

हालांकि कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश में कल से वायु गुणवत्ता के स्तर में सुधार आया है। हालांकि इसके बावजूद देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती घटकर महज आठ फीसदी रह गई है। वहीं दूसरी तरफ देश के 56 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं 35 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 255 में से 21 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 90 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया था। 122 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (276) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल दिल्ली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 300 तक पहुंच गया था। हालांकि आज दिल्ली प्रदूषण के मामले में चौथे स्थान पर है। जहां एक्यूआई 268 दर्ज किया गया। इसी तरह हाजीपुर (271) और सोनीपत (270) में भी स्थिति जानलेवा बनी हुई है। गौरतलब है कि प्रदूषण में गिरावट के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर जानलेवा बना हुआ है, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक में 36 अंकों की भारी गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 164, गाजियाबाद में 231, गुरुग्राम में 243, नोएडा में 213, ग्रेटर नोएडा में 210 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 96 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 150, चेन्नई में 90, चंडीगढ़ में 197, हैदराबाद में 122, जयपुर में 161 और पटना में 231 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 21 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, नगांव, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं आगरा, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, बरेली, बारीपदा, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, जबलपुर, झांसी, कलबुर्गी, करूर, कटनी, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नाहरलगुन, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 90 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।