प्रतीकात्मक तस्वीर; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

मेघालय का बर्नीहाट प्रदूषण में फिर अव्वल, मानकों से 20 गुणा दूषित हवा

दूसरी तरफ आज देश में श्री विजया पुरम की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 23 रिकॉर्ड किया गया है

Lalit Maurya

प्रदूषण के मामले में एक बार फिर मेघालय के बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 317 रिकॉर्ड किया गया है, जो बेहद खराब वायु गुणवत्ता को दर्शाता है।

इसका मतलब है कि बर्नीहाट की हवा में घुला जहर लोगों के लिए बेहद खतरनाक है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रदूषण के महीन कण (पीएम 2.5) के लिए जारी मानकों के लिहाज से देखें तो बर्नीहाट में स्थिति 20 गुणा खराब है।

वहीं 277 अंकों के साथ रामनगर देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर है। इसी तरह सिवान (259) तीसरे स्थान पर बना हुआ है। लुधियाना (246) और दिल्ली (243) में भी स्थिति कोई खास अच्छीं नहीं जो प्रदूषण के मामले में चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। कल से देखें तो राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसके बावजूद वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 242 दर्ज किया गया है। ग्रेटर नोएडा प्रदूषण के मामले में आज छठे स्थान पर है।

इसी तरह बागपत (232), नलबाड़ी (211), गुरूग्राम (204) और रूपनगर (204) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के नौ शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। राहत की बात यह रही कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में श्री विजया पुरम की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 23 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना श्री विजया पुरम से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा खराब है।

श्री विजया पुरम की तरह ही देश के 29 अन्य शहरों में हवा साफ है। इनमें कोलकाता, कोप्पल, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, श्री विजया पुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

इसी तरह अगरतला सहित देश के 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जलना, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कुंजेमुरा, मदिकेरी, महाड, मैहर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नासिक, ऊटी, परभनी, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा आदि शामिल हैं।

चिंता की बात है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों के मुताबिक देश में आगरा सहित 99 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सोलापुर, श्रीगंगानगर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां करीब 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 37 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के 49 फीसदी शहरों में प्रदूषण के चलते हालात चिंताजनक बने हुए हैं। 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से महज 30 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 83 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 89 दर्ज किया गया था।

99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (317) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। वहीं कल पंचगांव में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 282 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जहां 18 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 243 पर पहुंच गया। हालांकि इस गिरावट के बावजूद दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज लुधियाना चौथे स्थान पर है, वहीं रामनगर (277) दूसरे, जबकि सिवान (259) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 187, गाजियाबाद में 185, गुवाहाटी में 194, गुरूग्राम में 204, नोएडा में 193, ग्रेटर नोएडा में 242 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 98 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 195, चेन्नई में 49, चंडीगढ़ में 151, हैदराबाद में 81, जयपुर में 122 और पटना में 127 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 30 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, आसनसोल, बागलकोट, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेन्नई, गडग, हल्दिया, हुबली, कडपा, कटिहार, कोलकाता, कोप्पल, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, श्री विजया पुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आइजोल, अलवर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जलना, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कुंजेमुरा, मदिकेरी, महाड, मैहर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नासिक, ऊटी, परभनी, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे , तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।