बुलन्दशहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 404 तक पहुंच गया है, जिससे यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। यहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं।
दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 14 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बुलन्दशहर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 28 गुणा खराब है।
दिल्ली में भी स्थिति 'बेहद खराब' है, जहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों से 700 फीसदी अधिक है।
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 258 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बहादुरगढ़ (388) दूसरे जबकि दिल्ली (387) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 370 अंकों के साथ गाजियाबाद चौथे स्थान पर है।
ग्रेटर नोएडा- नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 368 और 364 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के तीन शहर (बहादुरगढ़, सोनीपत, भिवानी) और उत्तर प्रदेश के पांच शहर (बुलन्दशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, मुजफ्फरनगर) शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में बुलन्दशहर की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 404 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि कल 13 नवंबर को बुलन्दशहर में एक्यूआई 321 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 83 अंकों का भारी उछाल आया है।
इसके साथ ही बुलन्दशहर में स्थिति ‘खराब’ से ‘गंभीर’ हो चुकी है और वहां गैस-चैम्बर जैसे हालत बन गए हैं। रुझानों में सामने आया है कि बुलन्दशहर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
बुलन्दशहर से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,500 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 14 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बुलन्दशहर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 28 गुणा खराब है।
गौरतलब है कि कल बहादुरगढ़ की हवा सबसे खराब थी जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 466 दर्ज किया गया था। कल से तुलना करें तो बहादुरगढ़ में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। वहां सूचकांक 78 अंकों की गिरावट के साथ 388 पर पहुंच गया है। हालांकि बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ बनी हुई है। जहां प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानकों से 700 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि 11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 नवंबर, 2025 को 254 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 3.9 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 29.5 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 66.5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 16.7 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 17.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो कल से उनकी गिनती में 7.5 फीसदी की गिरावट आई है।
खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में 17.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरह देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी 14 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 258 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बहादुरगढ़ (388) दूसरे जबकि दिल्ली (387) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 370 अंकों के साथ गाजियाबाद चौथे स्थान पर है। ग्रेटर नोएडा- नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 368 और 364 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
मुजफ्फरनगर (356) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में सोनीपत (354), भिवानी (351) और भिवाड़ी (339) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के तीन शहर (बहादुरगढ़, सोनीपत, भिवानी) और उत्तर प्रदेश के पांच शहर (बुलन्दशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, मुजफ्फरनगर) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि जहां बुलन्दशहर, बहादुरगढ़, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, सोनीपत, भिवानी, भिवाड़ी, हापुड, चरखी दादरी, खुर्जा, जींद, रोहतक, धारूहेड़ा, नारनौल, बागपत, भुवनेश्वर, मंडीदीप, गुरूग्राम, कटक, मंडी गोबिंदगढ़, अम्बाला, फरीदाबाद, सीकर, खन्ना, कुरूक्षेत्र, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, मानेसर, करनाल, वापी, यमुनानगर, अंगुल, बारबिल, विशाखापत्तनम, कोलकाता, बालासोर, झुंझुनूं, पिंपरी-चिंचवाड, बल्लभगढ़, हल्दिया, पानीपत, तालचेर, कटनी, ब्यासनगर, हाजीपुर, हावड़ा, कैथल, सांगली, परभनी, कानपुर, धौलपुर, बारीपदा, लुधियाना, नागपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं दिल्ली, नोएडा, मेरठ, फतेहाबाद, चुरू, भोपाल, बीकानेर, टोंक, लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, छपरा, श्री गंगानगर, हिसार, जयपुर, दौसा, पटना, वाराणसी, अहमदाबाद, जबलपुर, वृंदावन, देवास, गांधीनगर, नागौर, चंद्रपुर, क्योंझर, धुले, सासाराम, पुणे, नांदेड़, अमरावती (महाराष्ट्र), भीलवाड़ा, बिलीपाड़ा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत देश के 3.9 फीसदी यानी महज 10 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में चामराजनगर, दमोह, गडग, कोप्पल, मदिकेरी, नगांव, पालकालाइपेरुर, रामनाथपुरम, शिलांग, विजयपुरा आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 16.7 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 17 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, मंगलौर, मंगुराहा, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नयागढ़, पाली, पलवल, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पूर्णिया, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, रूपनगर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, तंजावुर आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 111 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करौली, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सोलापुर, श्री गंगानगर, सूरत, टेन्सा, थूथुकुडी, तिरुमाला, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 7.5 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 41 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में आगरा, अम्बाला, अंगुल, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, भरतपुर, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्यासनगर, चुरू, कटक, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, जलना, झुंझुनूं, करनाल, कटनी, खन्ना, कोलकाता, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, नारनौल, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, सीकर, तालचेर, टोंक, वापी, विशाखापत्तनम, यमुनानगर शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के 16 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, भिवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, दिल्ली, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, जींद, खुर्जा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, रोहतक, सोनीपत शामिल हैं। वहीं बुलन्दशहर (404) में स्थिति गंभीर है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 254 में से महज 10 शहरों (-16.7) में हवा 'बेहतर' है। 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 13 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 64 दर्ज किया गया था।
111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज बुलन्दशहर (406) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल बुलन्दशहर में सूचकांक 321 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की आज वहां प्रदूषण के स्तर में 83 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता ' बेहद खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई।
वहीं कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब थी, जब सूचकांक 466 दर्ज किया गया था। आज 78 अंकों के सुधार के साथ बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 388 पर पहुंच गया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि सुधार के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी 387 बना हुआ है। इसी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में सुधार आया है, जहां 30 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 258 पर पहुंच गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 14 नवंबर को गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं बहादुरगढ़ (388) दूसरे, जबकि दिल्ली (387) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 233, गाजियाबाद में 370, गुवाहाटी में 103, गुरूग्राम में 278, नोएडा में 364, ग्रेटर नोएडा में 368 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 203, चेन्नई में 118, चंडीगढ़ में 102, हैदराबाद में 100, जयपुर में 174 और पटना में 165 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 10 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, दमोह, गडग, कोप्पल, मदिकेरी, नगांव, पालकालाइपेरुर, रामनाथपुरम, शिलांग, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अहमदनगर, अजमेर, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, गंगटोक, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, मंगलौर, मंगुराहा, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नयागढ़, पाली, पलवल, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पूर्णिया, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, रूपनगर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर, तुमकुरु, उडुपी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 75 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं: बहादुरगढ़ बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, 466 पर पहुंचा एक्यूआई, दिल्ली में जारी आपातकाल