फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

सांसों पर बोझ: दिल्ली-मुंबई को पीछे छोड़ मुंगेर बना देश का सबसे प्रदूषित शहर

देश में आज प्रदूषण का स्तर और बढ़ा है। प्रदूषित शहरों में मुंगेर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सुरक्षित सीमा से 1,260 फीसदी अधिक है। इसी तरह राजधानी दिल्ली में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है

Lalit Maurya

  • मुंगेर सबसे प्रदूषित शहर – आज देश में सबसे खराब वायु गुणवत्ता बिहार के मुंगेर में दर्ज हुई, जहां एक्यूआई 205 रहा।

  • वहां प्रदूषण सुरक्षित सीमा से 1,260 फीसदी अधिक रहा।

  • दिल्ली में भी प्रदूषण बढ़ा – राजधानी दिल्ली का एक्यूआई बढ़कर 135 हो गया, जो सुरक्षित सीमा से 200 फीसदी अधिक है।

  • प्रदूषित शहरों की सूची में आज ग्रेटर नोएडा (192), बालासोर (180), बुलंदशहर (170), नोएडा (163), गाजियाबाद और बद्दी (160+) शामिल हैं।

  • सबसे साफ हवा – शिलांग में एक्यूआई केवल 9 दर्ज हुआ, जो मुंगेर से 22 गुना बेहतर है।

  • पिछले दिन की तुलना – कल ग्रेटर नोएडा सबसे प्रदूषित था (185), जबकि आज मुंगेर ने उसे पीछे छोड़ दिया।

  • शहरों की स्थिति – मुंगेर, भागलपुर, मंडी गोबिंदगढ़ जैसे शहरों में पीएम2.5 ज्यादा, जबकि नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, दिल्ली आदि में पीएम10 हावी रहा।

  • साफ हवा वाले शहर कम हुए – आज देश के 64 शहरों में ही हवा ‘बेहतर’ (0-50 एक्यूआई) रही, जो कल से 5 फीसदी कम है।

  • संतोषजनक हवा वाले शहर भी घटे – 125 शहरों में वायु गुणवत्ता 51-100 के बीच रही, इसमें भी करीब 2 फीसदी की गिरावट आई।

आंकड़ों से पता चला है कि आज देश में आज मुंगेर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 205 दर्ज किया गया है। मतलब की मुंगेर में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में है। आज वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि कल सरकारी आंकड़ों में मुंगेर का जिक्र नहीं था।

बता दें कि आज मुंगेर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो बिहार के इस शहर में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 1,260 फीसदी अधिक है।

वहीं कल देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे खराब थी। बता दें कि कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 185 दर्ज किया गया था, जो आज सात अंकों के उछाल के साथ 192 पर पहुंच गया है।

दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 9 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर मुंगेर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 22 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 135 पर पहुंच गया। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 200 फीसदी अधिक है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा (192) दूसरे जबकि बालासोर (180) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 170 अंकों के साथ बुलन्दशहर चौथे पायदान पर है। नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज 163 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर है।

बद्दी-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 160 से अधिक दर्ज किया गया है। आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मंडी गोबिंदगढ़ (156), भरतपुर (140) और मेरठ (140) शामिल हैं।

विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज देश में मुंगेर, मंडी गोबिंदगढ़, भागलपुर आदि शहरों में आज प्रदूषण के महीन कण यानी पीएम2.5 हावी है। वहीं ग्रेटर नोएडा, बालासोर, बुलन्दशहर, नोएडा, बद्दी, गाजियाबाद, भरतपुर, मेरठ, दिल्ली, बागपत, मुजफ्फरनगर, गुरूग्राम, हापुड, मुरादाबाद, कटनी, आगरा, औरंगाबाद (बिहार), झांसी, सिवान, टोंक, सिंगरौली, बठिंडा, गोरखपुर, क्योंझर, लखनऊ, कानपुर आदि की हवा में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इन शहरों के विपरीत आज देश के 64 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गुवाहाटी, हुबली, इंदौर, जलना, कलबुर्गी, करूर, कारवार, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि आज एक बार फिर देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 125 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, करौली, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, लुधियाना, मैहर, मालेगांव शामिल हैं।

साफ हवा वाले शहरों की तरह ही आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ आज देश के 29 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में आगरा, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बालासोर, बठिंडा, भागलपुर, भरतपुर, बुलन्दशहर, दिल्ली, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हापुड, हावेरी, झांसी, कानपुर, कटनी, क्योंझर, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नोएडा, सिंगरौली, सिवान, टोंक शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो आज देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 21 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 219 में से 64 (-4.5 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 125 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 21 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 127 दर्ज किया गया था।

29 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में मुंगेर (205) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 210 के करीब पहुंच गया। कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 185 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक आठ अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 135 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बुलन्दशहर चौथे स्थान पर है, वहीं ग्रेटर नोएडा (192) दूसरे, जबकि बालासोर (180) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 86, गाजियाबाद में 161, गुवाहाटी में 48, गुरूग्राम में 132, नोएडा में 163, ग्रेटर नोएडा में 192 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 42 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 104, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 70, हैदराबाद में 72, जयपुर में 96 और पटना में 94 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 64 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अकोला, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बारबिल, बेलापुर, भिलाई, भिवंडी, बोईसर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गुवाहाटी, हुबली, इंदौर, जलना, कलबुर्गी, करूर, कारवार, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रतलाम, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आरा, आसनसोल, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, करौली, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, लुधियाना, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, वृंदावन sआदि 125 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।