दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब हो गई है, जहां एक्यूआई 322 दर्ज किया गया है। यह स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2000 फीसदी अधिक है।
दिल्ली की हवा में पीएम2.5 कण हावी हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
शिलांग की तुलना में दिल्ली की स्थिति 17 गुणा खराब है।
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद (314) दूसरे जबकि बहादुरगढ़ (313) तीसरे स्थान पर है।
इसी तरह 309 अंकों के साथ पानीपत चौथे स्थान पर है। नोएडा-जींद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 306 और 291 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा जहरीले है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 322 दर्ज किया गया है। मतलब कि वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' रिकॉर्ड की गई है। वहीं कल दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 311 दर्ज किया गया था। वहां कल से प्रदूषण में 11 अंकों का उछाल आया है।
रुझानों में सामने आया है कि आज दिल्ली की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
दिल्ली में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,000 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 18 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 नवंबर, 2025 को 257 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 8.9 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 37 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 54.1 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 30.3 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों में 9.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है। आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में करीब 6.9 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जोकि चिंता की खबर है।
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद (314) दूसरे जबकि बहादुरगढ़ (313) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 309 अंकों के साथ पानीपत चौथे स्थान पर है। नोएडा-जींद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 306 और 291 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज फतेहाबाद (288) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बागपत (287), चरखी दादरी (286) और ग्रेटर नोएडा (284) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (बहादुरगढ़, पानीपत, जींद, फतेहाबाद, चरखी दादरी) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां दिल्ली, बहादुरगढ़, नोएडा, जींद, फतेहाबाद, बागपत, चरखी दादरी, ग्रेटर नोएडा, हापुड, पंचकुला, बद्दी, मानेसर, गुरूग्राम, सोनीपत, करनाल, मेरठ, मुजफ्फरनगर, भिवानी, बुलन्दशहर, कुरूक्षेत्र, सिरसा, पीथमपुर, मंडी गोबिंदगढ़, भुवनेश्वर, नारनौल, काशीपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं पानीपत, खुर्जा, सीकर, सवाई माधोपुर, टोंक, श्री गंगानगर, बीकानेर, हनुमानगढ़, मंडीदीप, नागौर, जालौर, भीलवाड़ा, विशाखापत्तनम, चुरू, पटियाला, बाड़मेर, जयपुर, हिसार, चित्तौड़गढ़, चंद्रपुर, अहमदाबाद, सिरोही, करौली, वृंदावन, देवास, कटनी, झालावाड़, झुंझुनूं, अंकलेश्वर, बल्लभगढ़, डूंगरपुर, ठाणे, दौसा, क्योंझर, प्रतापगढ़, धुले, पुणे, रायरंगपुर, अमरावती (आंध्रप्रेदश), उदयपुर, सांगली आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 8.9 फीसदी यानी 23 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में अगरतला, अरियालूर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छपरा, दावनगेरे, गडग, हावेरी, होसुर, मदिकेरी, नागपट्टिनम, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 30 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 103 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अमरावती (आंध्रप्रेदश), अम्बाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पटियाला, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, सागर, सांगली, सासाराम, सिंगरौली, सिरोही, श्री गंगानगर, तालचेर, ठाणे, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 31 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में बद्दी, बागपत, बठिंडा, भिवानी, भुवनेश्वर, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हापुड, जींद, कैथल, करनाल, काशीपुर, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नारनौल, पंचकुला, पीथमपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, सोनीपत, वापी, यमुनानगर शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, पानीपत शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 257 में से 23 शहरों (-30.3) में हवा 'बेहतर' है। 95 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 06 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 87 दर्ज किया गया था।
103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज दिल्ली (322) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 311 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से प्रदूषण में 11 अंकों का इजाफा हुआ है।
कल रोहतक में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 348 दर्ज किया गया था। वहीं आज सरकार ने रोहतक में वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 11 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 322 पर पहुंच गया है। मतलब की आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। दूसरी तरफ आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जहां 14 अंकों की गिरावट के साथ एक्यूआई 204 पर पहुंच गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पानीपत चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (314) दूसरे, जबकि बहादुरगढ़ (313) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 164, गाजियाबाद में 314, गुवाहाटी में 64, गुरूग्राम में 253, नोएडा में 306, ग्रेटर नोएडा में 284 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 157 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 149, चेन्नई में 97, चंडीगढ़ में 113, हैदराबाद में 88, जयपुर में 144 और पटना में 128 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अरियालूर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छपरा, दावनगेरे, गडग, हावेरी, होसुर, मदिकेरी, नागपट्टिनम, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अलवर, अनंतपुर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, धनबाद, धारवाड़, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सलेम, सतना, सिलीगुड़ी, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 95 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।