एक बार फिर आज ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 194 दर्ज किया गया।
यहां प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानक से 331 फीसदी अधिक पाया गया।
शिलांग सबसे साफ शहर रहा, जहां एक्यूआई सिर्फ 13 रहा – ग्रेटर नोएडा से 14 गुना बेहतर।
देशभर में साफ हवा वाले शहरों की संख्या 15 फीसदी घटकर 84 रह गई।
123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक (एक्यूआई 51–100) दर्ज की गई।
20 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी (एक्यूआई 101–200) में रही।
दिल्ली का AQI 131 रहा, जो अभी भी डब्ल्यूएचओ मानक से 191 फीसदी अधिक है।
अन्य प्रदूषित शहरों में बिलीपाड़ा (181), गाजियाबाद (174), नोएडा (144), बद्दी (141), श्रीगंगानगर (135) शामिल रहे।
देश में आज एक बार फिर ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 194 रिकॉर्ड किया गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता का 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है। लेकिन इसके बावजूद वहां की फिजाओं में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
गौरतलब है कि कल ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 220 दर्ज किया गया था। मतलब कि तब से वहां प्रदूषण के स्तर में 26 अंकों की गिरावट आई है।
बता दें कि आज ग्रेटर नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 331 फीसदी अधिक है। कल भी देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे खराब थी।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 13 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 37 फीसदी शहरों में हवा साफ है। चिंता की बात यह है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं कल देश में इन शहरों की गिनती में इजाफा हुआ था।
वहीं 54 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 8.8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा संतोषजनक है।
देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जबकि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 131 पर पहुंच गया। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 191 फीसदी अधिक है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषित शहरों में बिलीपाड़ा (181) दूसरे जबकि गाजियाबाद (174) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 144 अंकों के साथ नोएडा चौथे जबकि बद्दी (141) पांचवें स्थान पर है। श्रीगंगानगर में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है जो 135 अंकों के साथ प्रदूषित शहरों में छठे स्थान पर है। दिल्ली भी आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है, जहां एक्यूआई 131 रिकॉर्ड किया गया।
इसी तरह आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुरूग्राम (128), मेरठ (122) और बुलन्दशहर (118) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां बिलीपाड़ा, गाजियाबाद, कोलकाता, किशनगंज आदि की हवा में पीएम2.5 हावी है। वहीं ग्रेटर नोएडा, नोएडा, बद्दी, श्रीगंगानगर, दिल्ली, गुरूग्राम, मेरठ, बुलन्दशहर, हापुड, जालौर, मुजफ्फरनगर, क्योंझर, विशाखापत्तनम, जैसलमेर, पाली आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इन शहरों के विपरीत आज देश के 84 शहरों में हवा साफ है। इनमें कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है आज देश के साफ हवा वाले शहरों में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक आज देश के 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मिलुपारा, मुरादाबाद, नगांव, नागौर, नांदेड़, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायरंगपुर, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिवान आदि शामिल हैं।
देश में आज संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
इन शहरों के उलट आज देश के 20 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इनमें बद्दी, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, दिल्ली, धनबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हापुड, जैसलमेर, जालौर, क्योंझर, किशनगंज, कोलकाता, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पाली, श्रीगंगानगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। इन शहरों की हवा में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 227 में से 84 (-15.2 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 123 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 19 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 111 दर्ज किया गया था।
20 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (194) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 220 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 26 अंकों की गिरावट के साथ घटकर 131 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं बिलीपाड़ा (181) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (174) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 62, गाजियाबाद में 174, गुवाहाटी में 51, गुरूग्राम में 128, नोएडा में 144, ग्रेटर नोएडा में 194 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 44 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 70, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 61, हैदराबाद में 77, जयपुर में 98 और पटना में 60 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 84 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), बदलापुर, बागलकोट, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, चामराजनगर, छपरा, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हुबली, इंदौर, जलना, कलबुर्गी, करौली, करूर, कारवार, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, रूपनगर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, धारवाड़, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मिलुपारा, मुरादाबाद, नगांव, नागौर, नांदेड़, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायरंगपुर, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।