दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब, गाजियाबाद सबसे प्रदूषित

देश के महज चार फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 68 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं

Lalit Maurya

देश में बढ़ता प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' है। इन शहरों में गाजियाबाद की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 345 दर्ज किया गया।

वहीं प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट (341) दूसरे, जबकि सूरत (326) तीसरे स्थान पर है। वहीं हाजीपुर में भी वायु गुणवत्ता का स्तर 300 के पार बना हुआ है।

जलना जोकि आज प्रदूषण के मामले में आज पांचवे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 304 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि कल देश में एक भी शहर की वायु गुणवत्ता बेहद खराब नहीं थी।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण के स्तर में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। जहां 65 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 262 पर पहुंच गया है। दिल्ली की तरह ही देश के 21 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इन शहरों में अहमदनगर, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, भिवाड़ी, चरखी दादरी, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, लखनऊ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, पटना, पूर्णिया, समस्तीपुर, सासाराम, शिलांग, श्रीगंगानगर, तालचेर, वातवा, विरार शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में सौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में ऊटी की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 32 दर्ज किया गया है। ऊटी की तरह ही देश के आठ अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बेलगाम, दमोह, हुबली, झांसी, मदिकेरी, मैहर आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल (10 मार्च 2025) से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 36 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश के सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद की तुलना ऊटी से करें तो स्थिति दस गुणा ज्यादा खराब है।

आंकड़ों के मुताबिक अगरतला सहित देश के 63 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में हैदराबाद, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कन्नूर, करौली, कारवार, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मंगलौर, नांदेड़, प्रयागराज, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 37 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 16 अंकों के उछाल के साथ प्रदूषण के स्तर में 16 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 107 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 125 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इनमें भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धुले, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हापुड आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में 34 फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों के मुताबिक देश के महज चार फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 68 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 28 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 226 में से महज नौ शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 64 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 101 दर्ज किया गया।

126 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (345) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 289 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 65 अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 262 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर एक बार फिर  'मध्यम' से ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। 

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (341) दूसरे, जबकि सूरत (326) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 107, गाजियाबाद में 345, गुरुग्राम में 255, नोएडा में 184, ग्रेटर नोएडा में 226 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 159 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 202, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 121, हैदराबाद में 90, जयपुर में 106 और पटना में 257 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 9 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बेलगाम, दमोह, हुबली, झांसी, मदिकेरी, मैहर, ऊटी, पुदुचेरी, थूथुकुडी शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, बारां, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हावेरी, हैदराबाद, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कन्नूर, करौली, कारवार, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मंगलौर, नांदेड़, प्रयागराज, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, त्रिशूर, तिरुमाला, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 64 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।