देश में बढ़ते प्रदूषण से बीकानेर-जैसलमेर की स्थिति सबसे खराब है। राजस्थान के इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 246 रिकॉर्ड किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 31 मई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में पांच राजस्थान के हैं। वहीं दूसरी तरफ आज देश में शिवसागर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बीकानेर-जैसलमेर की तुलना शिवसागर से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।
गौरतलब है कि कल हनुमानगढ़ की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जहां 106 अंकों के सुधार के साथ आज एक्यूआई 148 पर पहुंच गया है।
प्रदूषण के मामले में आज नोएडा तीसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई बढ़कर 242 तक पहुंच गया है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में 74 अंकों का उछाल आया है, जिसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गया है।
वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ब्रजराजनगर (235) पांचवें जबकि बाड़मेर (233) छठे स्थान पर है। इसी तरह 218 अंकों के साथ गाजियाबाद सातवें जबकि गुरूग्राम (214) आठवें स्थान पर है। इसी तरह भिवाड़ी (206) और चुरू (198) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज देश के नौ शहरों में हवा खराब दर्ज की गई है। चिंता की बात यह है कि देश में कल से खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 50 फीसदी का इजाफा हुआ है।
विश्लेषण से पता चला है कि साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कल से गिरावट आई है, जिसके बाद इनकी संख्या 17 फीसदी रह गई है, जबकि दूसरी तरफ देश में 29 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं देश के 53 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
देश में जहां आज नोएडा, ब्रजराजनगर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बद्दी में ओजोन से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह गुरूग्राम, चुरू, झुंझुनूं, बुलन्दशहर, नागौर, दौसा, ग्रेटर नोएडा, बागपत, सवाई माधोपुर, सीकर, बूंदी, पाली, हनुमानगढ़, जालौर आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी हैं। वहीं जलना में पीएम2.5 से स्थिति बिगड़ी हुई है।
रुझानों से पता चला है कि बिलासपुर सहित देश के 36 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में गंगटोक, गुवाहाटी, हुबली, कन्नूर, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मुंगेर, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 32 फीसदी की गिरावट आई है।
देश में कटक सहित 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे आदि शामिल हैं।
राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं अमृतसर सहित देश के 53 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भरतपुर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हनुमानगढ़, जयपुर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, क्योंझर, खुर्जा आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी 10 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 212 में से 37 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 30 मई 2025 को यह आंकड़ा 102 दर्ज किया गया था।
53 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बीकानेर-जैसलमेर (246) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल हनुमानगढ़ में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 254 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 74 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 241 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं बीकानेर (246) दूसरे, जबकि जैसलमेर (246) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 130, गाजियाबाद में 218, गुवाहाटी में 38, गुरूग्राम में 214, नोएडा में 242, ग्रेटर नोएडा में 166 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 112, चेन्नई में 55, चंडीगढ़ में 152, हैदराबाद में 85, जयपुर में 137 और पटना में 97 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 37 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, डिंडीगुल, गंगटोक, गुवाहाटी, हुबली, कन्नूर, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मुंगेर, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सहरसा, सासाराम, सिंगरौली, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुमाला, तिरुपति, तुमिडीह, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।