रुझानों से पता चला है कि आज देश में औरंगाबाद (बिहार) की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 217 दर्ज किया गया। इस दौरान के औरंगाबाद की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानकों के लिहाज से देखें तो औरंगाबाद में प्रदूषण का स्तर 382 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों की बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल भी प्रदूषण से श्री गंगानगर की स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 23 अंकों के उछाल के साथ श्री गंगानगर में सूचकांक मध्यम श्रेणी में बना हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 अगस्त को जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के जहां 39.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 55 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 5.8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
आज प्रदूषण के मामले में देश में धौलपुर (190) दूसरे जबकि बिलीपाड़ा (184) तीसरे स्थान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति श्रीगंगानगर (178) और मेघालय के बर्नीहाट (147) की भी है, जो आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। इसी तरह गुम्मिडिपूंडी (119) छठे जबकि ग्रेटर नोएडा (118) सातवें स्थान पर है। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज तालचेर (115), भागलपुर (114) और छपरा (114) भी शामिल हैं।
इस दौरान बिलीपाड़ा, श्रीगंगानगर, बर्नीहाट, गुम्मिडिपूंडी, भागलपुर, लुधियाना आदि शहरों की हवा में पीएम2.5 हावी है। वहीं धौलपुर, ग्रेटर नोएडा, तालचेर, ब्रजराजनगर, बारां आदि में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
दूसरी तरफ आज देश में नाहरलगुन की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर औरंगाबाद की तुलना नाहरलगुन से करें तो वहां स्थिति नौ गुना खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक आज देश में अगरतला सहित 90 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में मामूली सुधार आया है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 12 अंकों की गिरावट आई है, जिसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर सन्तोषजनक हो गई है।
दिल्ली की तरह ही आज देश के 125 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में है। इन शहरों में चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गया, गाजियाबाद, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बारां, भागलपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बर्नीहाट, छपरा, धौलपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, लुधियाना, श्रीगंगानगर, तालचेर शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 228 में से 90 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 125 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 11 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 120 दर्ज किया गया था।
12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में औरंगाबाद (बिहार) (217) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 12 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 94 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज श्रीगंगानगर चौथे स्थान पर है, वहीं धौलपुर (190) दूसरे, जबकि बिलीपाड़ा (184) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 75, गाजियाबाद में 96, गुवाहाटी में 54, गुरूग्राम में 66, नोएडा में 92, ग्रेटर नोएडा में 118 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 51 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 54, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 41, हैदराबाद में 60, जयपुर में 85 और पटना में 70 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 90 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, चंडीगढ़, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मुंगेर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नवी मुंबई, ऊटी, पंचगांव, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गया, गाजियाबाद, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नयागढ़, नोएडा, पाली, पालकालाइपेरुर, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सुआकाती, टेन्सा, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 125 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।