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वायु

प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट बना अव्वल, वहीं साफ हवा वाले शहरों में हुआ 18 फीसदी का इजाफा

Lalit Maurya

देश में वायु प्रदूषण के मामले में स्थिति मिली-जुली बनी हुई है। एक तरफ जहां मेघालय के छोटे से शहर बर्नीहाट में हवा दमघोंटू बनी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में वायु गुणवत्ता को लेकर जारी ताजा आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में एक बार फिर बर्नीहाट अव्वल बन गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 201 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़, जलना, पाली, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), कोल्लम, इंफाल, समस्तीपुर, बक्सर और दुर्गापुर शामिल थे। देश में रामनाथपुरम में हवा सबसे ज्यादा स्वच्छ है, जहां एक्यूआई 14 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि बर्नीहाट की तुलना रामनाथपुरम से करें तो प्रदूषण का स्तर 14 गुणा ज्यादा है। बता दें कि देश में रामनाथपुरम की तरह ही 112 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में कटक, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, कैथल, कलबुर्गी, करनाल, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैहर आदि शहर शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश के छह शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है। इन शहरों में औरंगाबाद (महाराष्ट्र), इंफाल, जलना, कोल्लम, मंडी गोबिंदगढ़, और पाली शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 60 फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से वहां प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है, जहां आठ अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 76 पर पहुंच गया। इसी तरह पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से स्थिति में सुधार आया है। बता दें कि फरीदाबाद में 34 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 पर पहुंच गया है। मतलब की वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है।

दिल्ली, फरीदाबाद की तरह ही देश के 107 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। हालांकि इन शहरों में कल के मुकाबले 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

बता दें कि देश में ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी, जींद, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नगांव, नलबाड़ी, नासिक, नोएडा, पंचकुला, पानीपत, पटना, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सिलचर, सिंगरौली, शिवसागर, सिवान, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सूरत, तालचेर, टेन्सा, थूथुकुडी, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

कुल मिलकर देखें तो देश के करीब आधे शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है, जबकि 48 फीसदी में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। वहीं तीन फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 229 में से 113 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 124 दर्ज किया गया था। छह शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (201) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (76) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से आठ अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 68, गाजियाबाद में 77, गुरुग्राम में 63, नोएडा में 84, ग्रेटर नोएडा में 91 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 41 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 65, चेन्नई में 53, चंडीगढ़ में 78, हैदराबाद में 51, जयपुर में 84 और पटना में 57 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 113 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बदलापुर, बागलकोट, बहादुरगढ़, बारां, बारबिल, बरेली, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चुरू, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, कैथल, कलबुर्गी, करनाल, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नारनौल, नवी मुंबई, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पाथरडीह, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, रोहतक, सागर, सलेम, सासाराम, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, टोंक, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिवाड़ी, भिवंडी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी, जींद, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नगांव, नलबाड़ी, नासिक, नोएडा, पंचकुला, पानीपत, पटना, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सिलचर, सिंगरौली, शिवसागर, सिवान, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सूरत, तालचेर, टेन्सा, थूथुकुडी, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।