बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

प्रदूषण में अव्वल बहादुरगढ़, दिल्ली सहित नौ शहरों में 300 के पार एक्यूआई

दिल्ली की बात करें तो भले ही कल से वहां प्रदूषण में गिरावट आई है। लेकिन इसके बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक 301 पर बना हुआ है। वहां प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,900 फीसदी अधिक है

Lalit Maurya

  • बहादुरगढ़ में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 381 से बढ़कर 387 हो गया है।

  • दिल्ली सहित नौ शहरों में एक्यूआई 300 के पार है, जबकि शिलांग की हवा सबसे साफ है। देश के 256 शहरों में से केवल 23 फीसदी में हवा साफ है।

  • रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 5.4 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में भी करीब 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

  • आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में धारूहेड़ा (334) दूसरे जबकि मानेसर (330) तीसरे स्थान पर है।

  • इसी तरह 327 अंकों के साथ नोएडा चौथे स्थान पर है।

  • फतेहाबाद-बल्लभगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 323 और 319 से अधिक अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

देश में आज प्रदूषण के मामले में बहादुरगढ़ पहले स्थान पर है, जहां प्रदूषण के महीन कण पूरी तरह हावी है। कल से तुलना करे तो वहां प्रदूषण में 6 अंकों का इजाफा हुआ है, मतलब की वहां आज भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।

इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

बहादुरगढ़ में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 760 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता का स्तर 381 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में छह अंकों का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 17 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 22 गुणा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 अक्टूबर 2025 को 256 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 23 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 38.7 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 38.3 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।

रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 5.4 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में भी करीब 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।

आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 8.3 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं चिंता की बात है कि बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।   

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 301 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,900 फीसदी अधिक प्रदूषित है। दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में कोई बदलाव नहीं हुआ है, और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में धारूहेड़ा (334) दूसरे जबकि मानेसर (330) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 327 अंकों के साथ नोएडा चौथे स्थान पर है। फतेहाबाद-बल्लभगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 323 और 319 से अधिक अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मुजफ्फरनगर (313) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज अम्बाला (308), दिल्ली (301) और जींद (300) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के सात शहर (बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, मानेसर, फतेहाबाद, बल्लभगढ़, अंबाला, जींद) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां धारूहेड़ा, मानेसर, नोएडा, फतेहाबाद, बल्लभगढ़, मुजफ्फरनगर, अम्बाला, दिल्ली, जींद, भिवानी, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, चरखी दादरी, मेरठ, भिवाड़ी, बागपत, यमुनानगर, टोंक, पानीपत, हापुड, कुरूक्षेत्र, पंचकुला, करनाल, करौली, तिरुपति, भरतपुर, बुलन्दशहर, राजसमंद, दौसा, नंदेसरी, फरीदाबाद, लुधियाना, जालंधर, भीलवाड़ा, पाली, सवाई माधोपुर, बूंदी, हाजीपुर, जयपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, धौलपुर, हनुमानगढ़, अजमेर, अमृतसर, अलवर, प्रयागराज, बिहार शरीफ, गया, ग्वालियर, बठिंडा, जालौर, पटना, कानपुर, पटियाला, कोटा, गुम्मिडिपूंडी, मंडी गोबिंदगढ़, चंडीगढ़, भागलपुर, हावड़ा, जोधपुर, खन्ना, मुंगेर, झालावाड़, सिरोही, आगरा, अररिया, बेगूसराय, रूपनगर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।

बहादुरगढ़, बीकानेर, किशनगंज, सीकर, झुंझुनूं, खुर्जा, वृंदावन, धनबाद, हल्दिया, मैहर, सासाराम, बाड़मेर, श्री गंगानगर, कटक, रायरंगपुर, चित्तौड़गढ़ आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 23 फीसदी यानी 59 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, परभनी, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, विजयपुरा, विरार, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं।  

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 5.4 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी 17.9 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, गांधीनगर, गोरखपुर, गुवाहाटी, हसन, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़ आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 67 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, भागलपुर, भीलवाड़ा, बिहार शरीफ, बूंदी, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, धनबाद, धौलपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, मुंगेर, नागौर, नलबाड़ी, नंदेसरी, पाली, पटियाला, पटना, प्रयागराज, रायरंगपुर, रूपनगर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, श्री गंगानगर, तालचेर, वृंदावन शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरफ देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी आठ फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है, जोकि राहत की खबर है।

आज देश के जिन 22 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें बागपत, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, दौसा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, जींद, करौली, करनाल, कुरूक्षेत्र, मेरठ, पंचकुला, पानीपत, राजसमंद, तिरुपति, टोंक, यमुनानगर शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 9 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में अम्बाला, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, दिल्ली, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नोएडा शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में ‘बेहद खराब’ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 256 में से 59 शहरों (5.4 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 99 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 26 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 84 दर्ज किया गया था।

67 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बहादुरगढ़ (387) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। कल धारूहेड़ा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 387 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में 14 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 301 पर पहुंच गया है। मतलब की सुधार के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज भी ‘बेहद खराब’ बनी हुई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं धारूहेड़ा (334) दूसरे, जबकि मानेसर (330) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 149, गाजियाबाद में 286, गुवाहाटी में 100, गुरूग्राम में 132, नोएडा में 327, ग्रेटर नोएडा में 284 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 174, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 136, हैदराबाद में 72, जयपुर में 174 और पटना में 146 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 59 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अकोला, बांसवाड़ा, बेलापुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, डूंगरपुर, गडग, गंगटोक, हुबली, इंदौर, करूर, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, परभनी, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, विजयपुरा, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, गांधीनगर, गोरखपुर, गुवाहाटी, हसन, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, पंचगांव, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सिलीगुड़ी, सिरसा, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।