प्रदूषण और कोहरे के आगोश में सड़क; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
वायु

बहादुरगढ़ बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, 466 पर पहुंचा एक्यूआई, दिल्ली में जारी आपातकाल

दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 22 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 20 गुणा खराब है

Lalit Maurya

  • बहादुरगढ़ देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 466 तक पहुंच गया है।

  • बहादुरगढ़ में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,900 फीसदी अधिक है, जिससे वहां के हालात गैस-चैम्बर जैसे हो गए हैं।

  • दिल्ली (404) में भी स्थिति गंभीर है, हालांकि वहां एक्यूआई में थोड़ी गिरावट आई है।

  • दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 22 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 20 गुणा खराब है।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 288 रिकॉर्ड किया गया है।

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में रोहतक (430) दूसरे जबकि दिल्ली (404) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 389 अंकों के साथ नोएडा चौथे स्थान पर है।

  • ग्रेटर नोएडा-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 377 और 370 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (बहादुरगढ़, रोहतक, चरखी दादरी, सोनीपत, भिवानी) और उत्तर प्रदेश के चार शहर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़) शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में बहादुरगढ़ की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 466 तक पहुंच गया है। गौरतलब है कि कल 12 नवंबर को बहादुरगढ़ में एक्यूआई 332 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 134 अंकों का भारी उछाल आया है।

इसके साथ ही बहादुरगढ़ में स्थिति खराब से गंभीर हो चुकी है और वहां भी गैस-चैम्बर जैसे हालत बन गए हैं। रुझानों में सामने आया है कि बहादुरगढ़ की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। बहादुरगढ़ से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,900 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 22 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 20 गुणा खराब है।

गौरतलब है कि कल दिल्ली की हवा सबसे खराब थी जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 418 दर्ज किया गया था। कल से तुलना करें तो दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। वहां सूचकांक 14 अंकों की गिरावट के साथ 404 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी गंभीर श्रेणी में बनी हुई है।

गौरतलब है कि 11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 नवंबर, 2025 को 248 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 4.8 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 25.8 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 69.4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 7.2 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो कल से उनकी गिनती में 2.4 फीसदी की गिरावट आई है। खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में 12.9 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरह देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 288 रिकॉर्ड किया गया है।

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में रोहतक (430) दूसरे जबकि दिल्ली (404) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 389 अंकों के साथ नोएडा चौथे स्थान पर है। ग्रेटर नोएडा-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 377 और 370 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

हापुड (360) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में चरखी दादरी (349), सोनीपत (347) और भिवानी (345) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (बहादुरगढ़, रोहतक, चरखी दादरी, सोनीपत, भिवानी) और उत्तर प्रदेश के चार शहर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि जहां बहादुरगढ़, रोहतक, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड, चरखी दादरी, सोनीपत, भिवानी, फतेहाबाद, भिवाड़ी, जींद, मंडीदीप, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, गुरूग्राम, धारूहेड़ा, बागपत, फरीदाबाद, कटक, कैथल, वापी, कुरूक्षेत्र, पानीपत, यमुनानगर, भुवनेश्वर, मंडी गोबिंदगढ़, भोपाल, मानेसर, कटनी, अम्बाला, कोलकाता, हावड़ा, अंगुल, बारबिल, खन्ना, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, सांगली, जालंधर, पिंपरी-चिंचवाड, कानपुर, बालासोर, नारनौल, अंकलेश्वर, हाजीपुर, तालचेर, कोल्हापुर, तिरुपति, नागपुर, आसनसोल, जलगांव, करनाल, तिरुमाला, बारां, पटना, बारीपदा, बैरकपुर, लुधियाना, पूर्णिया, औरंगाबाद (बिहार), बिहार शरीफ, राउरकेला आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं दिल्ली, मेरठ, हिसार, श्री गंगानगर, लखनऊ, चुरू, बीकानेर, जबलपुर, प्रयागराज, अहमदाबाद, जयपुर, चंद्रपुर, नासिक, आगरा, गया, दौसा, झुंझुनूं, बद्दी, गांधीनगर, जालौर, वृंदावन, भीलवाड़ा, रतलाम, टोंक, सासाराम, सवाई माधोपुर, दुर्गापुर, नागौर, क्योंझर, मुंबई, ग्वालियर, जैसलमेर, बेलापुर, अमरावती (महाराष्ट्र), छपरा, कोटा, नांदेड़, वाराणसी, बांसवाड़ा, चेन्नई, मालेगांव, अमरावती (आंध्रप्रदेश), देवास, बदलापुर, बिलीपाड़ा, बूंदी, धुले, मुरादाबाद, वातवा, भिवंडी, तुमिडीह, बाड़मेर, धनबाद, फिरोजाबाद आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत देश के 4.8 फीसदी यानी महज 12 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में अगरतला, चामराजनगर, दमोह, गडग, होसुर, कांचीपुरम, नगांव, ऊटी, रामनाथपुरम, शिलांग, त्रिशूर आदि शामिल हैं। 

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।      

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें कुड्डालोर, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, गंगटोक, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी , मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मैसूर, नयागढ़, पाली, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजगीर, राजसमंद, रूपनगर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 120 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दौसा, दावनगेरे, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, करनाल, करूर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, राउरकेला, सागर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 2.4 फीसदी की गिरावट आई है।   

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 35 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अम्बाला, अंगुल, बागपत, बालासोर, बारबिल, भोपाल, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, छाल, चुरू, कटक, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, जालंधर, कैथल, कानपुर, कटनी, खन्ना, कोलकाता, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, नारनौल, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, सांगली, श्री गंगानगर, वापी, यमुनानगर शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में भिवाड़ी, भिवानी, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, जींद, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, सोनीपत शामिल हैं। वहीं तीन शहरों बहादुरगढ़ (466), दिल्ली (404) और रोहतक (430) में स्थिति गंभीर है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 248 में से महज 12 शहरों (+50) में हवा 'बेहतर' है। 64 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 12 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 69 दर्ज किया गया था।

120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज बहादुरगढ़ (466) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 470 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल बहादुरगढ़ में सूचकांक 332 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की आज वहां प्रदूषण के स्तर में 134 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही बहादुरगढ़ में वायुगुणवत्ता 'खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है।

वहीं कल दिल्ली में वायु गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब थी, जब सूचकांक 418 दर्ज किया गया था। वहीं आज 14 अंकों के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 404 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में है।

दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 14 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 288 पर पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 13 नवंबर को नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं रोहतक (430) दूसरे, जबकि दिल्ली (404) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 142, गाजियाबाद में 370, गुवाहाटी में 113, गुरूग्राम में 300, नोएडा में 389, ग्रेटर नोएडा में 377 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 143 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 204, चेन्नई में 134, चंडीगढ़ में 103, हैदराबाद में 100, जयपुर में 177 और पटना में 156 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, चामराजनगर, दमोह, गडग, होसुर, कांचीपुरम, नगांव, ऊटी, रामनाथपुरम, शिलांग, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, बोईसर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, गंगटोक, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी , मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मैसूर, नयागढ़, पाली, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजगीर, राजसमंद, रूपनगर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उडुपी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 64 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

दिल्ली में जारी प्रदूषण का आपातकाल, जींद में भी 418 पर पहुंचा एक्यूआई