सर्दियों की शुरूआत के साथ ही देश में प्रदूषण के बढ़ने का सिलसिला शुरू हो जाता है। आशंका है कि इस साल भी ऐसा ही कुछ देखने को मिलेगा, यही वजह है कि दिल्ली जैसे कई शहरों में इससे निपटने की कवायद शुरू हो चुकी है। ऐसे में यदि मौजूदा रुझानों पर नजर डालें तो देश के 49 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।
इन शहरों में पालकलाईपेरुर की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 13 दर्ज किया गया है। इसी तरह रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वेल्लोर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। जो कहीं न कहीं दर्शाता है कि धीरे-धीरे देश में वायु गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।
हालांकि राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 12 अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 162 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी प्रदूषण का स्तर मध्यम बना हुआ है।
पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई में 11 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद सूचकांक गिरकर 85 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है।
गौरतलब है कि देश में फरीदाबाद की तरह ही 131 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया। इन शहरों में मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश आदि शहर शामिल थे।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में दूषित हवा वाले शहरों की बात करें तो बागपत में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 198 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे साफ हवा वाले शहर पालकलाईपेरुर के मुकाबले देखें तो बागपत में हवा 15 गुणा ज्यादा खराब रही।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हाजीपुर, पटना, गोरखपुर, जलना, भागलपुर, दुर्गापुर, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड आदि शामिल थे। इसका मतलब है कि देश के छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश के 71 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अमृतसर, अंगुल, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बैरकपुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चरखी दादरी, कटक, दिल्ली, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, हावड़ा, जलगांव, जलना, जींद, कैथल, कानपुर, काशीपुर, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, नागौर, नोएडा, पटियाला, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, राजगीर, सागर, समस्तीपुर, सिरसा, सिवान, श्रीगंगानगर, तालचेर, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयपुरा, विशाखापत्तनम आदि शहर शामिल थे।
कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
कुल मिलकर देखें तो देश के 19 फीसदी शहरों में हवा साफ बनी हुई है, जबकि 52 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक है। वहीं 28 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालत चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 251 में से 49 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 131 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 125 दर्ज किया गया था। 71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में बागपत (198) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (162) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 12 अंकों की गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 85, गाजियाबाद में 178, गुरुग्राम में 58, नोएडा में 172, ग्रेटर नोएडा में 170 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 103, चेन्नई में 52, चंडीगढ़ में 94, हैदराबाद में 65, जयपुर में 100 और पटना में 193 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 49 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, मैसूर, पालकलाईपेरुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दौसा, देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, करौली, करनाल, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यमुनानगर आदि 131 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।