फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

बद्दी-बेतिया में प्रदूषण से घुट रही सांसें, 114 शहरों में संतोषजनक रही वायु गुणवत्ता

Lalit Maurya

देश के बाकी शहरों को पीछे छोड़ बद्दी-बेतिया में प्रदूषण की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है। हालांकि कल से दमघोंटू हवा वाले इन शहरों की संख्या में गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक जहां बद्दी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 241 रिकॉर्ड किया गया। वहीं बेतिया में यह 205 रहा। दूसरी तरफ एक बार फिर आइजोल में हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 20 दर्ज किया गया। बद्दी से तुलना करें तो आइजोल में हवा में घुला जहर 12 गुणा कम रहा।

इसी तरह देश के 58 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है। इनमें बरेली, बैरकपुर, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिक्काबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, एलूर, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावेरी, हावड़ा, हुबली, कलबुर्गी, कारवार, कटिहार, क्योंझर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कुंजमुरा , मदिकेरी , महाद , मैहर , मंडीखेरा , मैंगलोर , मिलुपारा , मैसूर , नागांव , नयागढ़, ऊटी, रायपुर आदि शहर शामिल रहे। कल से तुलना करने तो देश में इन बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 1.8 फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली और फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट आई है। आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली में 41 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 148 पर पहुंच गया। इसी तरह फरीदाबाद में भी इसमें 20 अंकों की गिरावट आई है। दूसरी तरफ देश के 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बना हुआ है। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की वृद्धि हुई है। बता दें कि इन शहरों में ग्वालियर, हापुड़, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जालना, झालावाड़, झांसी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोटा, लातूर, लखनऊ, मालेगांव, मेरठ, मीरा-भयंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, प्रयागराज शामिल रहे।

देश के 60 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। कल से तुलना करें तो देश में इन शहरों की संख्या में सात फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इन शहरों में बहादुरगढ़, बठिंडा, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बुलंदशहर, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, दिल्ली, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालोर, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, खन्ना, खुर्जा, कुरुक्षेत्र , लुधियाना, मंडीदीप, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नंदेसरी, नोएडा, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, पीथमपुर, रोहतक, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सीकर, सिरोही, सोनीपत, त्रिशूर, तुमकुरु, उदयपुर, विजयपुरा शामिल रहे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से 58 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 जून 2024 यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था।

60 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं दो शहरों बद्दी और बेतिया में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बद्दी (241) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 41 अंक गिरकर 148 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 142, गुरुग्राम में 99, नोएडा में 131, ग्रेटर नोएडा में 192 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 68, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 146, हैदराबाद में 61, जयपुर में 122 और पटना में 121 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

आइजोल (20) सहित देश के जिन 58 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 43, अमरावती 39, अंगुल 48, अरियालुर 35, बागलकोट 42, बरेली 26, बैरकपुर 47, भिलाई 39, बिलासपुर 43, चामराजनगर 45, चंद्रपुर 28, छाल 38, चिक्काबल्लापुर 35, चिक्कमगलुरु 38, कोयंबटूर 40, कुड्डालोर 29, दमोह 33, दावनगेरे 27, एलूर 37, गडग 48, गंगटोक 35, हल्दिया 38, हसन 48, हावेरी 38, हावड़ा 44, हुबली 48, कलबुर्गी 32, कारवार 24, कटिहार 50, क्योंझर 43, कोलकाता 35, कोल्लम 46, कोप्पल 48, कुंजमुरा 47, मदिकेरी 22, महाद 48, मैहर 45, मंडीखेरा 48, मैंगलोर 48, मिलुपारा 48, मैसूर 40, नागांव 37, नयागढ़ 43, ऊटी 24, रायपुर 45, रायरंगपुर 49, राजमहेंद्रवरम 46, रामनगर 47, सांगली 40, टेन्सा 50, तिरुवनंतपुरम 38, थूथुकुडी 38, तिरुपति 41, तिरुपुर 24, वापी 50, वाराणसी 34, और यादगीर 40 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अकोला, अंबाला, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, छपरा, कटक, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडीपोंडी, गुरुग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड़, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जालना, झालावाड़, झांसी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोटा, लातूर, लखनऊ, मालेगांव, मेरठ, मीरा-भयंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुणे, रायचुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, ठाणे, टोंक, तुमडीह, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, आदि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।