फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

दिल्ली में फिर बढ़ा वायु प्रदूषण, साफ हवा वाले शहरों में आई 14 फीसदी की गिरावट

आंकड़ों के अनुसार देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में पाली, गुरूग्राम, दौसा, विशाखापत्तनम, खन्ना, गुम्मिडिपूंडी, चित्तौड़गढ़, जालंधर, दिल्ली शामिल थे

Lalit Maurya

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में बारिश न होने के कारण एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। आंकड़ों के मुताबिल दिल्ली में 45 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता का स्तर 107 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली की वायु गुणवत्ता जो कई दिनों से संतोषजनक बनी हुई थी, वो मध्यम स्तर पर पहुंच गई है।

पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 20 अंक बढ़कर 72 पर पहुंच गया। राहत की बात यह रही की फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के 120 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालौर, झालावाड़, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कानपुर, करनाल, कटनी, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर आदि शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है।

गौरतलब है कि प्रदूषण के मामले में जलना की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 153 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में पाली, गुरूग्राम, दौसा, विशाखापत्तनम, खन्ना, गुम्मिडिपूंडी, चित्तौड़गढ़, जालंधर, दिल्ली शामिल थे। वहीं दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां एक्यूआई महज 11 दर्ज किया गया है।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर जलना की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा ज्यादा खराब है। इसी तरह देश में सबसे साफ हवा वाले दस शहरों में गंगटोक, विरुधुनगर, आइजोल, तिरुनेलवेली, कारवार, सासाराम, दावनगेरे, रायरंगपुर, पालकलाईपेरुर शामिल थे।

आंकड़ों के मुताबिक देश में शिलांग की तरह ही 96 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, महाड, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम आदि शहर शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में दस फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक देश के 22 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इन शहरों में अमृतसर, अनंतपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, खन्ना, नोएडा, पाली, रायचुर, समस्तीपुर, श्रीगंगानगर, तुमकुरु, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में करीब 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलकर देखें तो देश के करीब आधे शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं 22 शहरों में स्थिति चिंताजनक है, जबकि 40 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ देखी गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 240 में से 97 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 121 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 140 दर्ज किया गया था। 22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में जलना (153) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (107) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 45 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 72, गाजियाबाद में 98, गुरुग्राम में 113, नोएडा में 106, ग्रेटर नोएडा में 106 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 43 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 73, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 70, हैदराबाद में 66, जयपुर में 101 और पटना में 86 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 97 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अकोला, अरियालूर, आसनसोल, बदलापुर, बागलकोट, बल्लभगढ़, बारीपदा, बेगूसराय, बेलगाम, भागलपुर, भरतपुर, भिवंडी, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, जलगांव, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, महाड, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, शिलांग, सिलीगुड़ी, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वापी, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अंकलेश्वर, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हिसार, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, कोल्हापुर, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नवी मुंबई, ऊटी, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, तालचेर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 122 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।