फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

साफ हवा में कारवार और प्रदूषित में बर्नीहाट अव्वल, जानें आपके शहर में प्रदूषण का क्या रहा हाल

देश के छोटे-बड़े 47 फीसदी अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है

Lalit Maurya

देश में करवार की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया। इसी तरह देश के छोटे-बड़े 47 फीसदी अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इन शहरों में हापुड, हिसार, हुबली, इंदौर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, परभनी, पटियाला, आदि शहर शामिल थे।

कुल मिलकर देखें तो देश के 113 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरफ देश में बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 209 दर्ज किया गया है।

ऐसे में यदि बर्नीहाट की तुलना कारवार से करें तो हवा में घुला जहर करीब दस गुणा ज्यादा है। बर्नीहाट की तरह ही देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में औरंगाबाद (महाराष्ट्र), श्रीगंगानगर, हाजीपुर, सिवान, अररिया, पटना, नारनौल, बिलीपाड़ा, गुम्मिडिपूंडी शामिल रहे।

आंकड़ों के मुताबिक राजधानी दिल्ली में कल के मुकाबले प्रदूषण में गिरावट आई है। जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 24 अंकों के सुधार के साथ 70 पर पहुंच गया है। पडोसी शहर फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में अच्छी-खासी गिरावट देखी गई है। जहां एक्यूआई 31 अंकों के सुधार के साथ 43 पर पहुंच गया। मतबल की वहां वायु गुणवत्ता संतोषजनक से बेहतर हो गई है। वहीं दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

बता दें कि दिल्ली की तरह ही देश के 112 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया।

इन शहरों में लखनऊ, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, ऊटी, पाली, पंचकुला, पानीपत, पीथमपुर, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रोहतक, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर आदि शहर शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश के 15 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), भागलपुर, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, छाल, छपरा, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, इंफाल, नारनौल, पटना, सिवान, श्रीगंगानगर शामिल थे। हालांकि कल की तुलना में इन शहरों की संख्या में 87 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में जहां 47 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इसी तरह 46 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं करीब सात फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 242 में से 113 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 06 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 122 दर्ज किया गया था। 15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (209) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (70) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 24 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 43, गाजियाबाद में 50, गुरुग्राम में 72, नोएडा में 56, ग्रेटर नोएडा में 52 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 37 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 62, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 68, हैदराबाद में 52, जयपुर में 49 और पटना में 116 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 113 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बरेली, बेलापुर, भरतपुर, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गाजियाबाद, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, हुबली, इंदौर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सांगली, सासाराम, शिवमोगा, सीकर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अम्बाला, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, बीकानेर, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, दिल्ली, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हसन, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, जींद, कानपुर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, ऊटी, पाली, पंचकुला, पानीपत, पीथमपुर, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रोहतक, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।