बीते कुछ दिनों से दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) तेजी से बढ़ रही है 
वायु

उत्तर प्रदेश के बागपत में 381 पर पहुंचा एक्यूआई, दिल्ली में भी स्थिति 'बेहद खराब'

रुझानों से पता चला है कि देश के 244 शहरों में से 68 फीसदी में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है, जिनमें बागपत सबसे प्रदूषित है। वहीं शिलांग सबसे साफ है

Lalit Maurya

  • बागपत में वायु गुणवत्ता सूचकांक 381 तक पहुंच गया है, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। दिल्ली में भी स्थिति चिंताजनक है।

  • बागपत में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है।

  • 10 नवंबर, 2025 को 244 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 6 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 231 रिकॉर्ड किया गया है।

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बहादुरगढ़ (373) दूसरे जबकि चरखी दादरी (371) तीसरे स्थान पर है।

  • इसी तरह 362 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है।

  • जींद-भिवाड़ी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 355 और 350 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 10 नवंबर 2025 को देश में बागपत की हवा सबसे ज्यादा जहरीली रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 381 दर्ज किया गया। मतलब कि वायु गुणवत्ता बेहद खराब’ रिकॉर्ड की गई। गौरतलब है कि कल (09 नवंबर 2025) बागपत में वायु गुणवत्ता सूचकांक 308 दर्ज किया गया था। मतलब कि वहां प्रदूषण में 73 अंकों का भारी उछाल आया है।

रुझानों में सामने आया है कि बागपत की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

बागपत में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 23 रिकॉर्ड किया गया।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बागपत की तुलना नमक्कल से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 नवंबर, 2025 को 244 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 6 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 26 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 68 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 23 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 3.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। दूसरी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 28.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जोकि चिंता की खबर है। 

फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 231 रिकॉर्ड किया गया है।

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बहादुरगढ़ (373) दूसरे जबकि चरखी दादरी (371) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 362 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है। जींद-भिवाड़ी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 355 और 350 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

सोनीपत (345) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा (334), सिरसा (334) और हापुड (324) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (बहादुरगढ़, चरखी दादरी, जींद, सोनीपत, सिरसा) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि जहां बागपत, बहादुरगढ़, चरखी दादरी, दिल्ली, जींद, भिवाड़ी, सोनीपत, ग्रेटर नोएडा, सिरसा, हापुड, रोहतक, फतेहाबाद, गाजियाबाद, धारूहेड़ा, बुलन्दशहर, नारनौल, हनुमानगढ़, मानेसर, धौलपुर, भिवानी, मुजफ्फरनगर, ग्वालियर, फरीदाबाद, कटनी, पानीपत, जालंधर, अंगुल, विशाखापत्तनम, कल्याण, गुम्मिडिपूंडी, नांदेड़, कैथल, करौली, खन्ना, सांगली, कुरूक्षेत्र, पटना, करनाल, कटक, कुड्डालोर, लखनऊ, लुधियाना, हाजीपुर, पलवल, अम्बाला, अहमदाबाद, बठिंडा, बारबिल, जबलपुर, तालचेर, लातूर, हल्दिया, कोलकाता, औरंगाबाद (बिहार), पुडुकोट्टई, वापी, मंडी गोबिंदगढ़, नागपुर, परभनी, बिहार शरीफ आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं नोएडा, खुर्जा, मेरठ, गुरूग्राम, श्री गंगानगर, मंडीदीप, चुरू, सीकर, सवाई माधोपुर, आगरा, टोंक, जयपुर, झुंझुनूं, गया, वृंदावन, दौसा, जालौर, प्रयागराज, हिसार, कानपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, पटियाला, भोपाल, नागौर, जोधपुर, कोटा, रतलाम, देवास, मोतिहारी, बूंदी, फिरोजाबाद, गांधीनगर, बारां, पीथमपुर, सासाराम, बांसवाड़ा, बद्दी, चंद्रपुर, हावड़ा, मुंबई, बेंगलुरु, अमृतसर, बाड़मेर, धनबाद, वाराणसी, प्रतापगढ़, छपरा, नासिक, उदयपुर, झालावाड़, सागर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, ब्रजराजनगर, जैसलमेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), बालासोर, बेलापुर, राजमहेंद्रवरम आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत देश के 5.7 फीसदी यानी 14 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में देहरादून, कांचीपुरम, नगांव, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, शिलांग, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं। 

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 23 फीसदी की गिरावट आई है।       

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बेगूसराय, बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, दावनगेरे, गडग, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, होसुर, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मुरादाबाद आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इनमें अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अम्बाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, हाजीपुर, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कानपुर, करनाल, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मोतिहारी, मुंबई, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, सागर, सांगली, सासाराम, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, वृंदावन शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 3.5 फीसदी का इजाफा हुआ है।   

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 30 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में आगरा, अंगुल, भिवानी, भुवनेश्वर, छाल, चुरू, धौलपुर, फरीदाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, जयपुर, जालंधर, झुंझुनूं, कैथल, कल्याण, करौली, कटनी, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नांदेड़, पानीपत, सवाई माधोपुर, सीकर, श्री गंगानगर, टोंक, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 18 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बागपत, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, दिल्ली, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, जींद, खुर्जा, नारनौल, नोएडा, रोहतक, सिरसा, सोनीपत शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 244 में से 14 शहरों (+75) में हवा 'बेहतर' है। 64 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 09 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 83 दर्ज किया गया था।

118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज बागपत (381) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल बागपत में सूचकांक 308 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की आज वहां प्रदूषण के स्तर में 73 अंकों का उछाल आया है।

कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 436 दर्ज किया गया था। वहीं आज 63 अंकों के सुधार के साथ बहादुरगढ़ में एक्यूआई घटकर 373 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में आठ अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 362 पर पहुंच गया है। मतलब की आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली में भी एक्यूआई डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,200 फीसदी अधिक प्रदूषित है।

दूसरी तरफ फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, जहां 17 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 231 रिकॉर्ड किया गया। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 10 नवंबर को दिल्ली चौथे स्थान पर रही, वहीं बहादुरगढ़ (373) दूसरे, जबकि चरखी दादरी (371) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 242, गाजियाबाद में 312, गुवाहाटी में 68, गुरूग्राम में 261, नोएडा में 320, ग्रेटर नोएडा में 334 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 128 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 178, चेन्नई में 116, चंडीगढ़ में 82, हैदराबाद में 109, जयपुर में 212 और पटना में 189 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आरा, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, देहरादून, कांचीपुरम, नगांव, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, शिलांग, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अकोला, अनंतपुर, अररिया, अरियालूर, बदलापुर, बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, दावनगेरे, गडग, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, होसुर, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़, पंचकुला, पिंपरी-चिंचवाड, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रूपनगर, सहरसा, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, ठाणे, तंजावुर, त्रिशूर, उडुपी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 64 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।