भारत की शत-प्रतिशत आबादी प्रदूषण की गिरफ्त में है जो उन्हें शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी कमजोर बना रहा है; फोटो: आईस्टॉक  
वायु

नंदेसरी में बढ़कर 251 पर पहुंचा एक्यूआई, अमृतसर में भी खराब हुई वायु गुणवत्ता

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के करीब 59 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं चार फीसदी से कम शहरों में हालात चिंताजनक है

Lalit Maurya

देश में आज एक बार फिर नंदेसरी की हवा सबसे खराब है। गुजरात के इस शहर में 61 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 251 पर पहुंच गया। मतलब की नंदेसरी की वायु गुणवत्ता 'मध्यम' से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 06 जुलाई 2025 को जारी रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि नंदेसरी में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों से 1573 फीसदी अधिक दर्ज किया गया है।

देश में आज अमृतसर की हवा भी खराब दर्ज की गई, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 238 तक पहुंच गया। बता दें कि जहां देश में कल एक भी शहर की हवा खराब नहीं थी। वहीं आज इन शहरों की गिनती बढ़कर दो पर पहुंच गई है। प्रदूषण के मामले में आज कटिहार (135) तीसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (110) चौथे स्थान पर है।

बद्दी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 105 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर है। इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में नोएडा (104) और खुर्जा (103) भी शामिल हैं। इस दौरान देश में जहां कटिहार, ग्रेटर नोएडा, बद्दी, नोएडा, खुर्जा आदि शहरों की हवा में पीएम10 हावी था। वहीं नंदेसरी, अमृतसर में बढ़ते पीएम2.5 से स्थिति खराब है।

वहीं इन शहरों के उलट आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 7 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि नंदेसरी की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 35 गुणा खराब है।

रुझानों से पता चला है कि आज देश में आइजोल की तरह ही 122 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में पटियाला, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इसी तरह देश में फिरोजाबाद सहित छोटे बड़े 79 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मेरठ, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, पाली, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर, राजसमंद, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, श्री गंगानगर आदि शामिल हैं।

हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश में आज नोएडा सहित पांच शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, ग्रेटर नोएडा, कटिहार, खुर्जा शामिल हैं। कल से तुलना करें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 29 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के करीब 59 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं चार फीसदी से कम शहरों में हालात चिंताजनक है, जबकि करीब 38 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 209 में से 123 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 79 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था।

5 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (251) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 190 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 14 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 75 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं अमृतसर (238) दूसरे, जबकि कटिहार (135) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 64, गाजियाबाद में 86, गुवाहाटी में 35, गांधीनगर में 59, नोएडा में 104, ग्रेटर नोएडा में 110 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 52 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 49, हैदराबाद में 64, जयपुर में 71 और पटना में 57 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 123 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, मरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, करौली, कटनी, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंकलेश्वर, बदलापुर, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, बर्निहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मेरठ, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, पाली, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर, राजसमंद, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, श्री गंगानगर, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 79 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।