देश की राजधानी दिल्ली में अपने बच्चे के साथ फुटपाथ पर आराम करती बेघर महिला; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

दिल्ली में 18 अंकों के उछाल के साथ 352 पर पहुंचा एक्यूआई, चंडीगढ़-चुरू में भी जहरीली हुई हवा

देश के जहां महज छह फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 62 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं

Lalit Maurya

दिल्ली में प्रदूषण गिरने का नाम ही नहीं ला रहा। कल से 18 अंकों के उछाल के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 352 तक पहुंच गया। आंकड़ों पर नजर डालें तो नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' न रही हो।

हालांकि आज प्रदूषण के मामले में मंडीदीप की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 372 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि कल देश में हनुमानगढ़ की स्थिति सबसे खराब थी, जहां एक्यूआई 363 तक पहुंच गया था।

आज जहां प्रदूषण के मामले में दिल्ली दूसरे स्थान पर रही। वहीं चंडीगढ़ भी प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 331 तक पहुंच गया। इसी तरह चुरू (329) और झुंझुनूं (318) में भी स्थिति बेहद खराब है। इस तरह देश के पांच शहरों में हवा बेहद ज्यादा प्रदूषित रही। हालांकि कल से देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की संख्या में 44 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में बहादुरगढ़ की तरह 50 शहरों में प्रदूषण का स्तर 'खराब' बना हुआ है।

देश में खराब हवा वाले शहरों में बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बुलन्दशहर, बक्सर, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, देहरादून, धारूहेड़ा, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हापुड, जयपुर, जालंधर, जलना, जींद, करौली, कोल्हापुर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नांदेड़, नारनौल, नोएडा, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, ऋषिकेश, रोहतक, सीकर, सिंगरौली, सिवान, सोनीपत, टोंक, यमुनानगर आदि शामिल थे।

वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों में 19 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरड़ देश के महज 16 शहरों में हवा साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 50 या उससे कम रहा। इन शहरों में सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, आदि शामिल थे। चिंता की बात यह रही कि देश में कल से खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 36 फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरड़ देश के महज 16 शहरों में हवा साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 50 या उससे कम रहा। इन शहरों में सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, आदि शामिल थे। चिंता की बात यह रही कि देश में कल से खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 36 फीसदी की गिरावट आई है। रुझानों से पता चला है कि देश में आइजोल की हवा सबसे साफ थी, जहां एक्यूआई 23 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर मंडीदीप की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है।

ताजा रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश के 82 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 21 फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि देश में रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, राउरकेला, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, टेन्सा, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, वाराणसी आदि शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 59 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 181 पर पहुंच गया। हालांकि अभी भी वहां वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 105 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में 11 फीसदी की गिरावट आई है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, बूंदी, चंद्रपुर, चिकबलपुर, दौसा, देवास, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जलगांव, जालौर, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, महाड, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पानीपत, प्रयागराज, पुणे, रामनगर, रतलाम, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिरसा, सोलापुर, श्रीगंगानगर, तालचेर, ठाणे, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

कुल मिलाकर देखें तो जहां देश के महज छह फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता साफ रही। वहीं करीब 32 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के 62 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 258 में से 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 82 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 68 दर्ज किया गया था। 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में मंडीदीप (372) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल हनुमानगढ़ में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 363 तक पहुंच गया।

प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली दूसरे स्थान पर है, जहां कल से प्रदूषण के स्तर में कल से 18 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता बढ़कर 352 तक पहुंच गया। इसका मतलब दिल्ली में आज भी हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 181, गाजियाबाद में 252, गुरुग्राम में 294, नोएडा में 240, ग्रेटर नोएडा में 285 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 152 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 235, चेन्नई में 99, चंडीगढ़ में 331, हैदराबाद में 113, जयपुर में 237 और पटना में 282 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पालकलाईपेरुर, सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अजमेर, अनंतपुर, अरियालूर, बालासोर, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हुबली, जबलपुर, जैसलमेर, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, करूर, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, राउरकेला, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, टेन्सा, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि 82 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।